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लघु कथा

hindi articles, stories and books related to Laghu katha


वो पुराने दिन, वो सुहाने दिन जब टीवी घर आया, तो लोग किताबें पढ़ना भूल गए । जब कार दरवाजे पर आई, तो चलना भूल गए । हाथ में मोबाइल आते ही चिट्ठी लिखना भूल गए । जब घर में ac आया, तो ठंडी हवा के लिए पे

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किस्सा है अमरावती का जो की अभी 72-73 वर्ष की है, पर यह किस्सा 2-3 साल पुराना है | किस्सा शुरू करने के पहले अमरावती छोटा सा परिचय जरूरी है | अमरावती के पति राम अमोल पाठक जी एक पब्लिकेशन हाउस के सम्पादक

 (निकु और नीशू दो दोस्त की दोस्ती) (नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्

दृश्य: जंगल में राजा शेरसिंह की सभा चल रही है सभी जानवर अपनी अपनी जगह पर बैठे हैं तभी बंदर(गोलू) राजा से एक सवाल पूछता है।बंदर(गोलू) : महाराज आपको राजा किसने बनाया? शेर (राजा शेरसिंह) : क्या कहना

एक बार की बात है, एक बहुत ही क्रूर अंग्रेजी शिक्षिका थी जो कि हमारे कक्षा में पढ़ाती थी। वह हमेशा सख्त और अन्यायपूर्ण नियमों के साथ प्रतिष्ठित रहती थी। उसकी कक्षा में पढ़ने का तरीका अनोखा था। वह हमेश

बच्चें मन के सच्चे... बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और जब उनके वापस लौट

जब बस में सफर कर रहा था...और ड्राइवर के बगल में खड़ा था...इतने में एक महिला ने ड्राइवर से बोला की "भैया" मुझे यहीं उतार दो...ड्राइवर ने उसे उतार दिया और फिर बस चलाते हुए मुझसे कहने लगा की दिनेश जी एक ब

एक बार एक साँप जंगल में घूम रहा था। उसे भूख लगी थी और वह खाने की तलाश में था। तभी उसे एक मकड़ी दिखाई दी। साँप ने सोचा कि उसे यह मकड़ी अपना शिकार बनाएगी। लेकिन मकड़ी बहुत चतुर थी। मकड़ी ने साँप को एक

         एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया

यह कहानी है एक छोटे से परिवार की जो अपने जीवन के फैसले लेने से पहले यह सोचता है की समाज क्या सोचेगा? उन्हें अपनी खुशियों से ज्यादा समाज की विचारधारा का ध्यान रखना ज्यादा जरुरी लगता था | लेकिन जब  एक प

एक नौ वर्षीय बालक काशी के मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियों पर बैठा हुआ था | उसकी आँखों से निकले हुए आंसू जो आग की गरमाहट से सूख से गए थे लेकिन उसका हृदय अभी भी विचलित था | घाट पर जल रही अनेकों चिताओं से निकल

 यह कहानी पूरी तरह से काल्पनीक है और ये सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखा गया है । इस का किसी के लाइफ से कोई लेना देना नहीं हैं । हाँ ! अगर इस कहानी से आपको कुछ अच्छा सिखने को मिले , तो आप उसे अपने अंदर

यह कहानी है एक ऑटो वाले और एक नवयुवक प्रशांत की जो उस रात अपने घर को जल्दी पहुंचना चाहते थे। लेकिन भाग्य को कुछ और ही  मंजूर था इसीलिए उस दिन   उन दोनों का अंतिम सफर था । इस कहानी को उस दिन की सुबह से

इंसान के जीवन में कभी-कभी ऐसे पल आते हैं जब वह कुछ बातों को सोचने को मजबूर हो जाता है। ऐसा ही कुछ उस्मान के साथ हुआ जिसके बाद वह अपने अतीत के पन्नों को पलटकर पीछे देखने लगा कि मुस्लिम परिवार में जन्म

एक बार एक राजा के दरबार में एक खुबसूरत नाचने वाली नाच रही थी। जिसे अपनी खूबसूरती पर बहुत घमण्ड था वो बार-बार राजा की बदसूरती को देखकर मुस्कुराती है। राजा यह देखकर समझ जाता है कि वह क्यों मुस्कुराई। जि

मोबाईल में ग्रेट ग्रैण्ड मस्ती फिल्म में षाइनी मेड का सीन देखता हुआ मोन्टी मन ही मन गुदगुदा रहा था और एक्साईटेड होते हुए सोचता है। अगर ऐसी मेड मेरे पास भी होती तो क्या मजा होता! इंस्टा, फेसबुक, व्हाटस

प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सुख, सफलता और मानसिक षान्ति प्राप्त करना चाहता है। जिसके प्राप्त करने के लिए सभी के अपने-अपने तरीके होते हैं। मेहनत, ईमानदारी, बुद्विमानी, षिक्षा व्यक्ति को सफलता प्राप्

इश्क क्या है, इस पर बड़े-बड़े कवियों और शायरों ने एक से एक खूबसूरत बातें कही होगी लेकिन इस अहसास को शब्दों में बयान कर पाना बहुत ही मुष्किल है क्योंकि कुछ लोगों के इश्क करने का अंदाज औरों से अलहदा होता

पिछले अंक की कहानी भूतिया चक्की में आपने पढ़ा कि किस प्रकार दिनेष दिल्ली से अपने गांव आया तो उसके दादाजी ने अपने बचपन की कहानी सुनाई जिसमें गांव की चक्की में उनका एक भूत से सामना हुआ। यह कहानी सुनकर अग

न जाने क्यों यह बाबा कुछ महीनों बाद बार-बार हमारे यहां आ जाते हैं और अगर आना ही है तो कम से कम साफ-सुथरे कपड़ों में तो आयें, उनके जूते भी कितने गंदे हैं, सारे फर्ष में मिट्टी-मिट्टी फैला दी। चिल्लाते ह

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