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रेणु प्रसाद के बारे में

मैं एक शिक्षिका होने के साथ-साथ लेखिका भी हूँ। मेरे विचार में लिखना स्वयं को अभिव्यक्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है ,इसलिए मैं लिखती हूँ । मेरी कविताएँ,कहानियाँ,लेख आदि विभिन्न पत्रिकाओं के सोशल मीडिया में प्रकाशित होते रहते हैं । मीडियम प्लेटफॉर्म पर ब्लॉग भी लिखती हूँ। मेरी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।इनमें दो उपन्यास, एक काव्य संग्रह और एक कहानी संग्रह है। ये आमेजन पर उपलब्ध हैं ।

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रेणु प्रसाद की पुस्तकें

कोई तो हमें थाम लो

कोई तो हमें थाम लो

बालपन से गुजरते हुए यौवन की दहलीज पर कदम रखने से पहले हर बच्चे को एक बड़ी ही कठिन अवस्था से होकर गुजरना पड़ता है और यही अवस्था उसके भविष्य निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है | अगर उन गलियों की भूल- भुलैया से बचकर वह निकल जाता है तो जिन्दगी बन ग

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कोई तो हमें थाम लो

कोई तो हमें थाम लो

बालपन से गुजरते हुए यौवन की दहलीज पर कदम रखने से पहले हर बच्चे को एक बड़ी ही कठिन अवस्था से होकर गुजरना पड़ता है और यही अवस्था उसके भविष्य निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है | अगर उन गलियों की भूल- भुलैया से बचकर वह निकल जाता है तो जिन्दगी बन ग

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रेणु प्रसाद के लेख

मुक्ति

9 अगस्त 2022
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 टन...टन....टन असेम्बली की घंटी बजी | स्टाफ रूम में बैठे हम सारे शिक्षक- शिक्षिकाएं उठ खड़े हुए क्लास टीचर्स को अपनी - अपनी क्लास को लेकर असेम्बली ग्राउंड में जाना था और सब्जेक्ट टीचर्स को हर फ्लोर क

बहकते कदम

9 अगस्त 2022
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 ‘मम्मी मैंने कितनी बार आपको बोला है न मेरी चीजों को हाथ न लगाया कीजिए ..फिर भी आप हाथ लगाने से बाज नहीं आती हैं |’ सीमा लगभग चीखते स्वर में बोल पडी |  आज शनिवार था | अभी सुबह के नौ बज रहे थे | अमू

विरक्त मन

9 अगस्त 2022
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 ‘मौली..मौली क्या कर रही हो ...मैं कब से गाडी में बैठा तुम्हारे आने का इन्तजार कर रहा हूँ और एक तुम हो कि तुम्हारे काम कभी ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेते ..जल्दी करो ’…राजेश ने जोर से बोलते हुए कार

विरक्त मन

9 अगस्त 2022
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 ‘मौली..मौली क्या कर रही हो ...मैं कब से गाडी में बैठा तुम्हारे आने का इन्तजार कर रहा हूँ और एक तुम हो कि तुम्हारे काम कभी ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेते ..जल्दी करो ’…राजेश ने जोर से बोलते हुए कार

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