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रिश्तों की व्याख्या...! (एक झलक)

रिश्तों की व्याख्या...! (एक झलक)

आंचल सोनी 'हिया'

20 भाग
0 लोगों ने खरीदा
36 पाठक
9 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई

रिश्तों की व्याख्या...! 'वक़्त'... आपने नाम तो सुना ही है। कितना निष्ठुर, कितना निर्दयी, कितना खुदगर्ज़ होता है। अपने ही चाल में मस्त मलंग बस चलता जाता है... चलता जाता है... चलता जाता है....। इस बेपरवाह अमूर्त प्राणी को कोई परवाह नहीं की इसके विशाल पैरों के नीचे कितने लोग दबते कुचलते जा रहे हैं... कितनी ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो रही हैं... कितने रिश्ते टूट कर बिख़रते जा रहे हैं... कितने ही ऐसे कमज़ोर हैं, जो चलना तो चाहते हैं इसके साथ, लेक़िन उनकी किस्मत कुपोषण का शिकार है, अतः अभागे पीछे ही छूट जाते हैं। लेकिन मज़ाल है!! जो यह वक़्त पीछे पलट कर उन्हें एक नज़र देख ले। उन पर सहानुभूति जता दे... नहीं! कदापि नहीं। इतिहास हो या विज्ञान हो, चाहें वेद पुराण हो... किसी ने वक़्त के रहमदिल की पुष्टि नहीं की है। क्योंकि सभी को यह विदित था कि, इस अमूर्त प्राणी को बनाया ही बेरहमी की मिट्टी से गया है। वह मिट्टी जो पहले पाषाण था, सैकड़ों अब्द में वह कुछ कुछ मिट्टी सा बन पाया। तो वक़्त के इस खुदगर्ज़ी का हाल सुनाने आ रही है, मेरी कहानी "रिश्तों की व्याख्या" एक ऐसी कहानी जिसमे जीवन है, एहसास है, अनुभव है। जो आपको कहीं गुदगुदाएगा, कहीं रुलायेगा, कहीं रोएं खड़े कर देगा तो कहीं रोमांचित हो उठेंगे आप। वक़्त की इस बेरुखी को आप नज़दीक से देख पाएंगे। एक इंसान जन्म से ले कर मरण तक क्या खोता है.. क्या पाता है... और अंत में उसके समक्ष उसके हिस्से में क्या बच जाता है। तो पूरी कहानी से रूबरू होने के लिए बने रहिये मेरे साथ इस कहानी के हर एक भाग में। हमें ऐतबार है, इस कहानी का कोई न कोई हिस्सा आप अपने आप और अपनी ज़िंदगी से ज़रूर जोड़ पाएंगे। यक़ीनन ये कहानी आपको बहुत कुछ सिखायेगी। आपके मुरझाये रिश्तों में प्राण फूंक जायेगी... रिश्तों को निभाने का अदब बताएगी। बहुत ज़ल्द मिलूंगी एक झलक के साथ तब तक आप अपना धैर्य बनाये रखें। शुक्रिया!💐🙏 आँचल सोनी 'हिया' :-)  

रिश्तों की व्याख्या...! (एक झलक)

रिश्तों की व्याख्या...! (एक झलक)

आंचल सोनी 'हिया'

20 भाग
0 लोगों ने खरीदा
36 पाठक
9 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई

रिश्तों की व्याख्या...! 'वक़्त'... आपने नाम तो सुना ही है। कितना निष्ठुर, कितना निर्दयी, कितना खुदगर्ज़ होता है। अपने ही चाल में मस्त मलंग बस चलता जाता है... चलता जाता है... चलता जाता है....। इस बेपरवाह अमूर्त प्राणी को कोई परवाह नहीं की इसके विशाल पैरों के नीचे कितने लोग दबते कुचलते जा रहे हैं... कितनी ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो रही हैं... कितने रिश्ते टूट कर बिख़रते जा रहे हैं... कितने ही ऐसे कमज़ोर हैं, जो चलना तो चाहते हैं इसके साथ, लेक़िन उनकी किस्मत कुपोषण का शिकार है, अतः अभागे पीछे ही छूट जाते हैं। लेकिन मज़ाल है!! जो यह वक़्त पीछे पलट कर उन्हें एक नज़र देख ले। उन पर सहानुभूति जता दे... नहीं! कदापि नहीं। इतिहास हो या विज्ञान हो, चाहें वेद पुराण हो... किसी ने वक़्त के रहमदिल की पुष्टि नहीं की है। क्योंकि सभी को यह विदित था कि, इस अमूर्त प्राणी को बनाया ही बेरहमी की मिट्टी से गया है। वह मिट्टी जो पहले पाषाण था, सैकड़ों अब्द में वह कुछ कुछ मिट्टी सा बन पाया। तो वक़्त के इस खुदगर्ज़ी का हाल सुनाने आ रही है, मेरी कहानी "रिश्तों की व्याख्या" एक ऐसी कहानी जिसमे जीवन है, एहसास है, अनुभव है। जो आपको कहीं गुदगुदाएगा, कहीं रुलायेगा, कहीं रोएं खड़े कर देगा तो कहीं रोमांचित हो उठेंगे आप। वक़्त की इस बेरुखी को आप नज़दीक से देख पाएंगे। एक इंसान जन्म से ले कर मरण तक क्या खोता है.. क्या पाता है... और अंत में उसके समक्ष उसके हिस्से में क्या बच जाता है। तो पूरी कहानी से रूबरू होने के लिए बने रहिये मेरे साथ इस कहानी के हर एक भाग में। हमें ऐतबार है, इस कहानी का कोई न कोई हिस्सा आप अपने आप और अपनी ज़िंदगी से ज़रूर जोड़ पाएंगे। यक़ीनन ये कहानी आपको बहुत कुछ सिखायेगी। आपके मुरझाये रिश्तों में प्राण फूंक जायेगी... रिश्तों को निभाने का अदब बताएगी। बहुत ज़ल्द मिलूंगी एक झलक के साथ तब तक आप अपना धैर्य बनाये रखें। शुक्रिया!💐🙏 आँचल सोनी 'हिया' :-)

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अच्छी रचना है हो सके तो मेरी रचना पढ़े और अगर हो सके तो मेरी बुक पर रिव्यु दीजिये मेरी नयी रचना का नाम है वीराना https://hindi.shabd.in/books/10086417


बहुत ही बढ़िया उपन्यास


एक जीवन के ताने बाने पर बुनी सुन्दर रचना 👌 👌 👌 👏 👏 👏 👏 👏 👏


बहुत अच्छा लिखती है आप,बहुत ही सुन्दरता से अपने वक़्त और रिश्तों के संबंध को अपनी कहानी में लिखा है।यूँही लिखती रहे👌👌👌


Behtreen novel likha hai aapne aanchal jii ...bahut bahut badhai aapko ...😊😊

विशेषज्ञ पब्लिशिंग पैकेज
पुस्तक के भाग
1

【शुरुआत एक कारवां की...】 (भाग 1)

14 अक्टूबर 2021

12
11
2

【कैसे नज़रे मिलाउंगी..?】 (भाग 2)

14 अक्टूबर 2021

9
8
3

【मेथी की फंकी】 भाग 3

19 अक्टूबर 2021

5
4
4

【काश तुम मेरे होते...।】 भाग 4

19 अक्टूबर 2021

4
3
5

【जुगाड़ डॉट कॉम!】 (भाग 5)

19 अक्टूबर 2021

5
3
6

【तेरे बिना...】 (भाग 6)

19 अक्टूबर 2021

5
3
7

【ये रेशमी कंगन।】 (भाग 7)

19 अक्टूबर 2021

4
3
8

【एक्चुअली आई लाइक यू...】 (भाग 8)

19 अक्टूबर 2021

5
1
9

【मुझे कुछ कहना था...】 (भाग 9)

19 अक्टूबर 2021

5
2
10

【हे फ़्रेशर! स्टैचू...】 (भाग 10)

19 अक्टूबर 2021

4
3
11

【जब तुम साथ होती हो...】 (भाग 11)

19 अक्टूबर 2021

3
3
12

【तु मेरा दिल... तु मेरी जान】 (भाग 12)

19 अक्टूबर 2021

4
2
13

【....अलविदा!】 (भाग 13)

19 अक्टूबर 2021

4
3
14

【क्या मुहब्बत ज़रूरी है..!】 (भाग 14)

19 अक्टूबर 2021

6
3
15

【मैंने बहुत देर कर दी...】 (भाग 15)

19 अक्टूबर 2021

5
2
16

【इस दिल में तुम ही हो...।】 (भाग 16)

19 अक्टूबर 2021

6
6
17

तु से तुम! तुम से आप...। (भाग 17)

8 दिसम्बर 2021

4
3
18

बुढ़ापे की बस्ती...। (भाग 18)

8 दिसम्बर 2021

4
3
19

तुम्हारा ख्याल नहीं आ रहा...। (भाग 19)

8 दिसम्बर 2021

4
3
20

वक़्त, रिश्ते और ज़िंदगी...! (भाग 20)

8 दिसम्बर 2021

7
7
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