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वक़्त, रिश्ते और ज़िंदगी...! (भाग 20)

8 दिसम्बर 2021

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Ram Sewak gupta

Ram Sewak gupta

अति उत्तम है पोस्ट आपकी

16 मार्च 2022

Jyoti

Jyoti

Bahut hi badiya

31 दिसम्बर 2021

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

एक पूरे जीवन का ताना बाना

31 दिसम्बर 2021

Shagufta Sheikh

Shagufta Sheikh

Speechless

20 दिसम्बर 2021

Anamika Singh

Anamika Singh

वक्त रिश्ते जिंदगी पर लिखी गई सबके सटीक किताब। this one is now my fav.

20 दिसम्बर 2021

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता

Hats off to you. Hats off to your writing skill. आजतक ऐसा नावेल नही पढा। ✌️✌️✌️✌️✌️❤️🌷🌷🌷🌷🌷💐💐💐🙏🏿🙏🙏🙏

20 दिसम्बर 2021

Dr Anita Mishra

Dr Anita Mishra

बढ़िया प्रस्तुति मैम 👌👌

13 दिसम्बर 2021

20
रचनाएँ
रिश्तों की व्याख्या...! (एक झलक)
5.0
रिश्तों की व्याख्या...! 'वक़्त'... आपने नाम तो सुना ही है। कितना निष्ठुर, कितना निर्दयी, कितना खुदगर्ज़ होता है। अपने ही चाल में मस्त मलंग बस चलता जाता है... चलता जाता है... चलता जाता है....। इस बेपरवाह अमूर्त प्राणी को कोई परवाह नहीं की इसके विशाल पैरों के नीचे कितने लोग दबते कुचलते जा रहे हैं... कितनी ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो रही हैं... कितने रिश्ते टूट कर बिख़रते जा रहे हैं... कितने ही ऐसे कमज़ोर हैं, जो चलना तो चाहते हैं इसके साथ, लेक़िन उनकी किस्मत कुपोषण का शिकार है, अतः अभागे पीछे ही छूट जाते हैं। लेकिन मज़ाल है!! जो यह वक़्त पीछे पलट कर उन्हें एक नज़र देख ले। उन पर सहानुभूति जता दे... नहीं! कदापि नहीं। इतिहास हो या विज्ञान हो, चाहें वेद पुराण हो... किसी ने वक़्त के रहमदिल की पुष्टि नहीं की है। क्योंकि सभी को यह विदित था कि, इस अमूर्त प्राणी को बनाया ही बेरहमी की मिट्टी से गया है। वह मिट्टी जो पहले पाषाण था, सैकड़ों अब्द में वह कुछ कुछ मिट्टी सा बन पाया। तो वक़्त के इस खुदगर्ज़ी का हाल सुनाने आ रही है, मेरी कहानी "रिश्तों की व्याख्या" एक ऐसी कहानी जिसमे जीवन है, एहसास है, अनुभव है। जो आपको कहीं गुदगुदाएगा, कहीं रुलायेगा, कहीं रोएं खड़े कर देगा तो कहीं रोमांचित हो उठेंगे आप। वक़्त की इस बेरुखी को आप नज़दीक से देख पाएंगे। एक इंसान जन्म से ले कर मरण तक क्या खोता है.. क्या पाता है... और अंत में उसके समक्ष उसके हिस्से में क्या बच जाता है। तो पूरी कहानी से रूबरू होने के लिए बने रहिये मेरे साथ इस कहानी के हर एक भाग में। हमें ऐतबार है, इस कहानी का कोई न कोई हिस्सा आप अपने आप और अपनी ज़िंदगी से ज़रूर जोड़ पाएंगे। यक़ीनन ये कहानी आपको बहुत कुछ सिखायेगी। आपके मुरझाये रिश्तों में प्राण फूंक जायेगी... रिश्तों को निभाने का अदब बताएगी। बहुत ज़ल्द मिलूंगी एक झलक के साथ तब तक आप अपना धैर्य बनाये रखें। शुक्रिया!💐🙏 आँचल सोनी 'हिया' :-)
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【शुरुआत एक कारवां की...】 (भाग 1)

14 अक्टूबर 2021
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【कैसे नज़रे मिलाउंगी..?】 (भाग 2)

14 अक्टूबर 2021
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【मेथी की फंकी】 भाग 3

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【काश तुम मेरे होते...।】 भाग 4

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【जुगाड़ डॉट कॉम!】 (भाग 5)

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【तेरे बिना...】 (भाग 6)

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【ये रेशमी कंगन।】 (भाग 7)

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【एक्चुअली आई लाइक यू...】 (भाग 8)

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( भाग 8 ) 【एक्चुअली आ

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【मुझे कुछ कहना था...】 (भाग 9)

19 अक्टूबर 2021
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【हे फ़्रेशर! स्टैचू...】 (भाग 10)

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【जब तुम साथ होती हो...】 (भाग 11)

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【तु मेरा दिल... तु मेरी जान】 (भाग 12)

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【....अलविदा!】 (भाग 13)

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【क्या मुहब्बत ज़रूरी है..!】 (भाग 14)

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【मैंने बहुत देर कर दी...】 (भाग 15)

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भाग 15 【मैंने बहुत

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【इस दिल में तुम ही हो...।】 (भाग 16)

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तु से तुम! तुम से आप...। (भाग 17)

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बुढ़ापे की बस्ती...। (भाग 18)

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तुम्हारा ख्याल नहीं आ रहा...। (भाग 19)

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वक़्त, रिश्ते और ज़िंदगी...! (भाग 20)

8 दिसम्बर 2021
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