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रक्षाबंधन 😓😓

30 अगस्त 2023

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जब मन हो उदास ,
तब भैया आती है ,
आपकी बहुत याद,
और तड़प उठती हूँ मैं,
और कहती हूँ -
भैया कहां चले गये आप !!
एक बार भी न सोचा ,
जब आयेगा रक्षाबंधन,
तब सब बहनें खुशियां मनायेंगी,
अपने भाइयों की कलाई ,
राखी से सजायेंगी ,
तब क्या बीतेगी ,
आपकी इस बहन पर !!!
वो कैसे और कितना रोयेगी,
आप को याद कर !!

क्यों न सोचा ,कि

आपकी कमी कोई पूरी न  कर पायेगा !!!
आपका स्थान कोई न ले पायेगा !!!

फिर भी मुख मोड़कर,
चले गये हमें छोड़कर !!!

याद है वैसे ही ,
आज भी वो मनहूस संध्या ,
जब आप नयन मूंदे ,
चले गये थे अंतिम यात्रा पर ,
और मैं आपको झकझोरती ,
कह रही थी बिलख बिलख कर --

भैया ,आँखें खोलो ,
भैया उठो,कुछ तो बोलो !!!
यूं मुझे सताओ ना !!
वापस आओ ,मुझे भी साथ ले जाओ ना !!!

जब उठ रही थी अर्थी आपकी ,
तब धिक्कार रही थी ,
अपने प्राणों को --
क्यों बैठा तू देह में छुपकर !!!
क्यों न रहा है निकल !!!
जा रहे भैया तुझे छोड़कर ,
अरे निकल ,तू भी उनके साथ चल !!!

है याद वो राखी के बाद की रात,
जब स्वप्न में आप आये थे ,
मैंने पूछा था भाई ,
मिली न इस बार  राखी बांधने को ,
आपकी मुझको कलाई !!
कहां चले गये आप !!
और आपने बिना कुछ बोले ,
उंगली उठाई ,आसमान की तरफ इशारा कर !!!


जब मन हो उदास ,
एक एक घटना आती है याद ,
और  रो पड़ती हूँ मैं ,
अपनी तनहाई का आलिंगन कर ।


😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔




प्रभा मिश्रा 'नूतन'

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

😭😭🙏🙏

31 अगस्त 2023

Berlin

Berlin

बहुत भावनात्मक लेख

30 अगस्त 2023

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रचनाएँ
मेरी कैप्टन गिलहरी
5.0
दैनिक प्रतियोगिता के दिए विषय पर लेखनी चलाने का एक प्रयास भर
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कंजेक्टिवाइटिस

8 अगस्त 2023
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आज कैप्टन गिलहरी कंजेक्टिवाइटिस पर लेख लाई है 😊आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं।यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में ह

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रक्षाबंधन 😓😓

30 अगस्त 2023
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जब मन हो उदास ,तब भैया आती है ,आपकी बहुत याद,और तड़प उठती हूँ मैं,और कहती हूँ -भैया कहां चले गये आप !!एक बार भी न सोचा ,जब आयेगा रक्षाबंधन,तब सब बहनें खुशियां मनायेंगी,अपने भाइयों की कलाई ,राखी से सजा

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रक्षाबंधन पौराणिक

31 अगस्त 2023
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रक्षाबंधन पर बात करें तो सर्वप्रथम शिशशुपाल का वध करने के बाद श्रीकृष्ण का चक्र उनकी उंगली पर वापस आते समय उनकी कलाई में लग जाने के कारण रक्त निकलने लगा तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर

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