सांसदों का निलंबन
भारतीय संसद भारत गणराज्य का सर्वोच्च विधायकी निकाय है। यह भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों: राज्य सभा (राज्यों का सदन) और लोक सभा (लोगों का सदन) से बना एक द्विसदनीय विधानसभा है। संविधान में व्यवस्था है कि सदन की अधिकतम सदस्य संख्या 550 होगी – 530 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे, 20 सदस्य संघशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करेंगे । वर्तमान में सदन की सदस्य संख्या 543 है। संसद का शीतकालीन सत्र भले ही खत्म हो गया हो लेकिन इस दौरान निलंबित किए गए सांसदों को लेकर घमासान जारी है. INDIA गठबंधन के नेता इस निलंबन के खिलाफ आज देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं और राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के नेता पहुंचे हैं. विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के मामले में विपक्ष अब सड़क पर उतर प्रदर्शन करने के लिए उतर रहे हैं. गुरुवार को जहां विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला तो वहीं आज इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. यहां मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी नेता शरद पवार, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, आरजेडी सांसद मनोज झा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन, डी राजा (सीपीआई), त्रिची शिवा (डीएमके), रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, जॉन ब्रिटास, संजीव अरोड़ा, सुशील रिंकू (आप) नजर आ रहे हैं.
राहुल गांधी ने इस दौरान संबोधित करते हुए कहा, 'देश में भयंकर बेरोजगारी है और युवा आज रोजगार नहीं पा सकता है. मैंने किसी से कहा कि एक काम करो, एक छोटा सा सर्वे करो, किसी भी शहर में चले जाओ और पता करो कि हिंदुस्तान के जो युवा हैं वो मोबाइल पर दिन में कितना घंटा बिताते हैं. ये भी छोटे शहर में पता कराया, मैं हैरान रह गया कि साढ़े सात घंटे युवा एक दिन में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, मेल पर यानि सेलफोन पर रहता है. यानि मोदी सरकार में हिंदुस्तान का युवा साढ़े सात घंटे फोन पर रहता है, क्योंकि मोदी जी ने उसे रोजगार नहीं दिया
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के निलंबन पर चर्चा के लिए 25 दिसंबर को उनके साथ एक बैठक का सुझाव दिया है.
राज्यसभा के सभापति ने कहा कि सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने सदन में नारेबाजी, तख्तियां लहराने, सदन के वेल में प्रवेश करने और आसन के प्रति इशारों के माध्यम से जानबूझकर अव्यवस्था पैदा की थी. धनखड़ ने कहा कि सांसदों को निलंबित किए जाने से पहले उन्होंने संक्षिप्त स्थगन समेत सदन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए थे.
पत्र में धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अपने चैंबर में सांसदों से बातचीत की बात कही थी, लेकिन जो अव्यवस्था फैलाई गई वह जानबूझकर की गई और रणनीतिक थी.
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र