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सबसे अच्छी दोस्त

4 नवम्बर 2018

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सबसे अच्छी दोस्त

-मनोहर चमोली ‘मनु’


निहारिका ने राजेश से कहा-‘‘पापा। कल स्कूल में पेरेंट्स मीटींग है। आप आओगे न?’’


राजेश नोटबुक पर झुका हुआ था। निहारिका की ओर देखे बिना बोला-‘‘साॅरी बेटी। कल आॅपिफस में जरूरी मीटींग हैं। बट डोंट वरी। मम्मी से कहो। वो चली जाएंगी।’’


निहारिका उदास हो गई। धीरे से बोली-‘‘मम्मी तो आज सुबह ही पांच दिनों के लिए मुंबई चली गई है।’’


राजेश ने कहा-‘‘ओ.के.। मैं आॅफिस पहुंचते ही आपकी हैड मैम से बात कर लूंगा। इस बार मैं आपके लिए कई सरप्राइज गिफ्रट लेकर जरूर आऊंगा।’’


तभी दरवाजे पर स्कूल बस का हार्न बजा। निहारिका उदास कदमों से स्कूल की ओर चल पड़ी।


ऐसा अक्सर होता रहा है। पिछले महीने ही निहारिका के स्कूल में डांस कंपीटीशन था। वह टी.वी. प्रोग्राम के लिए सलेक्ट हुई थी। हर किसी ने उसे बधई दी। लेकिन निहारिका के मम्मी-पापा दोनों उस दिन शहर से बाहर थे। निहारिका ने जब फोन किया तो उसकी मम्मी ने कहा-‘‘लौटने पर आपके प्रोग्राम की क्लीपिंग देख लूंगी। बोलो गिफ्रट में क्या लोगी?’’


निहारिका बड़ी मुश्किल से कह पाई-‘‘आप आ जाओ। गिफ्रट बाद में मांग लूंगी।’’


आज निहारिका बहुत खुश थी। आज संडे था। उसका जन्मदिन था। वह बहुत जल्दी उठ गई।


जूली नौकरानी ने बधई दी। कहा-‘‘निहारिका। हैप्पी बर्थडे।’’


निहारिका ने कहा-‘‘थैंक्यू।’’


जूली ने बताया-‘‘निहारिका बेटी। आपके मम्मी-पापा ने अलग-अलग आपके लिए ग्रीटींग्स दिये हैं। दोनों को आॅपिफस के जरूरी काम से जल्दी जाना पड़ा। ये देखो। और हां शाम को आपका बर्थडे सेलीब्रेट करना है। ये देखो। कितनी लंबी लिस्ट मुझे दे दी है। हम दोनों बाजार जाएंगे और बहुत सारा सामान खरीदेंगे।’’


निहारिका जल्दी से तैयार हो गई। वह जूली के साथ बाजार गई। दोनों ने खरीदारी की। पिफर वे दोनों घर लौर्ट आइं। वह दौड़कर अपने दोस्तों को शाम का निमंत्राण भी दे आई।


शाम हुई। निहारिका के बहुत सारे दोस्त उसके घर पर जमा थे। जूली ने सबको चाॅकलेट, मिठाई, टाॅपिफयां, गुब्बारे और कई सारे गिफ्रट बांटे। सबने खूब मस्ती की।


निहारिका की एक सहेली ने पूछा-‘‘निहारिका। अब हम चलते हैं। पता नहीं आपके मम्मी-पापा कब तक आएंगे। तुम केक तो तभी काटोगी न ?’’


निहारिका ने सिर झुका लिया। निहारिका के दोस्त एक-एक कर के चले गए। शाम के बाद रात घिर आई। निहारिका की आंखें भर आईं। वह बार-बार घड़ी देख रही थी।


जूली ने निहारिका से कहा-‘‘बेटी। रात के दस बज गए हैं। अब आप केक काटो। आपके मम्मी-पापा जरूरी काम के कारण नहीं आ पाएंगे। चलो।’’


निहारिका ने केक काटा। जूली ने ताली बजाते हुए कहा-‘‘हैप्पी बर्थ डे। निहारिका।’’


निहारिका जूली के गले से लिपट गई। जूली आंटी मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। मेरे लिए बहुत कुछ है। आज जूली से लिपट कर निहारिका यही सोच रही थी।

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-मनोहर चमोली ‘मनु’

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