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सदाबहार संगीतकार “मोजार्ट ऑफ मद्रास” ए. आर. रहमान (जन्म-दिवस पर विशेष)

6 जनवरी 2016

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6 जनवरी, 1967 को तमिलनाडु राज्य के चेन्नई में जन्मे अल्लाह रक्खा रहमान यानि ए. आर. रहमान हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध सदाबहार संगीतकारों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को विश्व भर में पुख्ता पहचान दिलाने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है| म्यूजिक के इस मास्टरमाइंड का पूर्व में नाम ए. एस. दिलीप कुमार था जो इस्लाम धर्म अपनाने के बाद बदलकर ए. आर. रहमान हो गया| 1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया था। 1992 में उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोज़ा में संगीत देने का न्यौता दिया। यह फिल्म म्यूजिकल हिट रही और अपनी पहली फिल्म में ही रहमान को बेस्ट म्यूजिक के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ| फिर तो इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान को मिलने वाले विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों का यह सिलसिला बदस्तूर आज तक जारी है। गौरतलब है कि पद्मश्री रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में से एक में गिने जाते हैं। रोज़ा,  बॉम्बे,  दिल से,  रंगीला,  डोली सजा के रखना, ताल,  जींस,  1947-अर्थ, पुकार,  फिजा,  लगान,  मंगल पांडे,  मीनाक्षी, तक्षक, हमसे है मुकाबला, स्वदेस,  साथिया, जुबेदा, युवा, नायक, दिल्ली-6,  रंग दे बसंती,  जोधा-अकबर,  जाने तू या जाने ना,  युवराज,  गुरु, स्लमडॉग मिलेनियर,  गजनी,  जब तक है जान, रॉकस्टार, रांझणा,  हाइवे, तमाशा जैसी फिल्मों में दिया रहमान का संगीत आज भी श्रोताओं के सिर चढ़कर बोलता है| ज्ञात हो कि देश की आजादी की 50वीं वर्षगाँठ पर 1997 में रहमान द्वारा बनाया म्यूजिक एल्बम "वंदे मातरम्‌" भी जबर्दस्त सफल रहा था। सुरों के सरताज रहमान ने हिंदी के अलावा अन्य कई भाषाओं की फिल्मों में भी बहुत लोकप्रिय संगीत दिया है। संगीत के अपने मौलिक फन की बदौलत ही प्रतिष्ठित टाइम्स पत्रिका ने रहमान को “मोजार्ट ऑफ मद्रास” की उपाधि से भी नवाजा है| उल्लेखनीय है कि रहमान को उनके उत्कृष्ट संगीत हेतु 2  आस्कर या एकेडमी, 2  ग्रैमी, 1  बाफ्टा, 1  गोल्डन ग्लोब, 4  राष्ट्रीय पुरस्कार, 15  फिल्मफेयर, 13 फिल्मफेयर-साऊथ अवार्ड्स हासिल हो चुके हैं| संगीत के इस सच्चे साधक को उनके जन्म-दिवस पर हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं......

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रचनाएँ
singer
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अपने शब्दों, सुरों एवं गायिकी के दम पर देश-दुनिया में एक अलग पहचान बनाने वाले गीत-संगीत के सच्चे साधकों के जीवन संसार की रोचक एवं प्रेरक जानकारी...
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९० के दशक की “मेलोडी क्वीन” : अनुराधा पौडवाल (जन्मदिन पर विशेष)

27 अक्टूबर 2015
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भारतीयसिनेमा की सबसे सुरीली एवं प्रतिभाशाली पार्श्व-गायिकाओं में शुमार की जाने वालीप्रख्यात गायिका “अनुराधा पौडवाल” ९० के दशक की “मेलोडी क्वीन” के रूप में जानीजाती हैं | कर्नाटक के उत्तर-कन्नड़ के कारवाड़ शहर में २७ अक्तूबर, १९५२ को जन्मीअनुराधा के बचपन का नाम था- अलका नन्दकरणी, जो बाद में मराठी के प्

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सदाबहार संगीतकार “मोजार्ट ऑफ मद्रास” ए. आर. रहमान (जन्म-दिवस पर विशेष)

6 जनवरी 2016
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6 जनवरी, 1967 को तमिलनाडु राज्य के चेन्नई मेंजन्मे अल्लाह रक्खा रहमान यानि ए. आर. रहमान हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध सदाबहारसंगीतकारों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को विश्व भर में पुख्तापहचान दिलाने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है| म्यूजिक के इस मास्टरमाइंड कापूर्व में नाम ए. एस. दिलीप क

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70-80 दशक की बेहतरीन पार्श्वगायिकाओं में से एक “हेमलता”

8 जनवरी 2016
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किसी समय स्वर-कोकिला लता दी और सुर-उस्ताद आशा ताई के एक छत्र गीत-संसार मेंअनुराधा पौडवाल, अल्का याग्निक, कविता कृष्णमूर्ति, साधना सरगम के अलावा जिनगायिकाओं ने अपनी प्रतिभा से पहचान बनाई, उनमें हेमलता का नाम भी शामिल है | 16 अगस्त 1954 को भारत के हैदराबाद शहर मेंजन्मी लता भट्ट, जी हाँ यह हेमलता जी के

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इस गीत पर सिनेमा-हाल में उछाले गए थे सिक्के

20 जनवरी 2016
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30 अगस्त 1991 को रिलीज़ सुधाकर बोकाड़े द्वारा निर्मित औरलारेंस डिसूजा द्वारा निर्देशित सुपरहिट हिंदी फिल्म “साजन” आपको जरुर याद होगीजिसमें माधुरी दीक्षित, संजय दत्त एवं सलमान खान ने यादगार भूमिका अदा की थी| खासतौर पर इस फिल्म का गीत-संगीत बेहद पसंद किया गया जिसके गीत समीर ने लिखे थे और इसकासुमधुर सदाब

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लोच एवं शोज भरी बिल्कुल अलग मधुर आवाज की प्रतिमूर्ति : कविता कृष्णमूर्ति (जन्मदिन पर विशेष)

25 जनवरी 2016
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90 के दशक की लोकप्रिय पार्श्वगायिकाओं में शुमार लोच एवं शोज भरी बिल्कुल अलगमधुर आवाज की प्रतिमूर्ति, कविता कृष्णमूर्ति का जन्म दिल्ली में रहने वाले एक अय्यर परिवार में 25 जनवरी, 1958 को हुआ था| संगीतकी शुरुआती शिक्षा कविता जी ने घर में ही ली| गौरतलब है कि आठ साल की उम्र में हीएक संगीत प्रतियोगिता मे

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90 साल के हुए संगीतकार ‘खय्याम’, जन्मदिन पर दान की करोड़ों की प्रॉपर्टी

18 फरवरी 2016
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हिंदी सिनेमा के प्रख्यात संगीतकार मोहम्मद जहूर ‘खय्याम’ आज 90 साल के हो गए हैं। अपनेजन्मदिन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने एलान किया कि वे अपनी 12 करोड़ की प्रॉपर्टी दानकर रहे हैं। इससे नए संगीतकारों को मदद मुहैया कराई जाएगी। दान से जुड़े ट्रस्ट से विभिन्नहस्तियों को भी जोड़ा जाएगा| 18 फ़रवरी,

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अरिजीत सिंह की बेहतरीन गायिकी का नमूना है गीत ‘तुझे याद कर लिया है आयत की तरह’ (सुनें आडियो)

23 फरवरी 2016
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विगत वर्ष 2015 में रिलीज़ हिंदी फिल्मों केबेमिसाल निर्देशकों में से एक संजय लीला भंसाली की बाजीराव मस्तानी में यूं तो सभीगीत बेहतरीन हैं| लेकिन इस फिल्म में आज के दौर के बेहद प्रतिभावान गायक अरिजीतसिंह द्वारा गाये गीत ‘तुझे याद कर लिया आयत की तरह’ दिल को छू लेने वाले अविस्मरणीयगीतों में से एक है| निश

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भारतीय पॉप गीतों की क्वीन अलीशा चिनॉय हिंदी सिनेमा की भी लोकप्रिय पार्श्वगायिका हैं (जन्मदिवस पर विशेष)

18 मार्च 2016
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हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन में अलीशा चिनॉय को लाने का श्रेय जाता है दिग्गजसंगीतकार बप्पी लाहिड़ी को| अलीशा चिनॉय ने 1980 के दशक में एक साथ कई फिल्मोंजैसे 'टार्जन', डांस-डांस, कमांडो, गुरु, लव-लव-लव आदि में डिस्को हिट सांग्स गाये| हालाँकि 80 के दशक में उन्होंने सबसे ज्यादा हिट गाना था 1987 में मिस

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मेरे देश की धरती और यारी है ईमान मेरा जैसे गीतों के रचयिता गुलशन बावरा की जयंती (१२ अप्रैल) पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

13 अप्रैल 2016
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<!--[if !supportLists]-->-    <!--[endif]-->गुलशन बावरा का पूरानाम था गुलशन कुमार मेहता जिनका नाम गुलशन बावरा एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर ने उनकेड्रेस-सेंस को देखते हुए दिया था|<!--[if !supportLists]-->-    <!--[endif]-->लाहौर से ३० किमी० दूरशेखूपूरा नामक जगह पर १२ अप्रैल १९३७ को इनका जन्म हुआ था|<!--[i

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गीतकार हसरत जयपुरी की जयंती पर भावभीनी आदरांजलि

15 अप्रैल 2016
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15 अप्रैल 1922 को जयपुर में जन्मेहिंदी सिनेमा के जाने-माने गीतकार हसरत जयपुरी का जन्म नाम था इकबाल हुसैन| 1940में जयपुरी साहब मुंबई आये| शुरुआत में 11 रुपये मासिक पर बसकंडक्टर का काम किया| एक मुशायरे में पृथ्वीराज कपूर जी ने उन्हें नोटिस किया औरराज कपूर को उनका नाम सुझाया| फिर राज कपूर के कारण 1949

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कहीं दूर जब और ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय जैसे गीतों के शब्दकार योगेश को जन्मदिन की शुभकामनायें

16 अप्रैल 2016
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16 अप्रैल 1943 को लखनऊ में जन्मे गुणी गीतकार योगेश गौड अपने सुन्दर प्रवाहमय अर्थपूर्णगीतों के लिए जाने जाते हैं| 1971 की कालजयी फिल्म आनंदके गीत कहीं दूर जब दिन ढल जाए और ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय को भला कौन भूल सकताहै| हिंदी सिनेमा के ये उम्दा गीत हैं| फिल्म रजनीगंधा का गीत रजनीगंधा फूलतुम्हारे महक

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