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भारतीय पॉप गीतों की क्वीन अलीशा चिनॉय हिंदी सिनेमा की भी लोकप्रिय पार्श्वगायिका हैं (जन्मदिवस पर विशेष)

18 मार्च 2016

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हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन में अलीशा चिनॉय को लाने का श्रेय जाता है दिग्गज संगीतकार बप्पी लाहिड़ी को| अलीशा चिनॉय ने 1980 के दशक में एक साथ कई फिल्मों जैसे 'टार्जन', डांस-डांस, कमांडो, गुरु, लव-लव-लव आदि में डिस्को हिट सांग्स गाये| हालाँकि 80 के दशक में उन्होंने सबसे ज्यादा हिट गाना था 1987 में मिस्टर इंडिया फिल्म का काटे नहीं कटते दिन ये रात जिसे उन्होंने किशोर कुमार के साथ लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में गाया था और जिसे पर्दे पर जीवंत किया था श्रीदेवी ने| 1989 में उनका दूसरा एक और बेहद सफल गाना था फिल्म त्रिदेव का रात भर जाम से जाम टकराएगा जिसका संगीत कल्याणजी-आनंदजी और विजू शाह द्वारा दिया गया था। 90 के दशक में भी अलीशा चिनॉय ने कई हिट गाने दिए जैसे तेरे इश्क में नाचेंगे (राजा हिंदुस्तानी), सोना सोना रूप है (बॉलीवुड-हॉलीवुड), दे दिया (कीमत), रुक रुक रुक (विजयपथ), माई अडोरेबल डार्लिंग (मै खिलाड़ी तू अनाड़ी) और विवादास्पद गीत सेक्सी सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोले (खुद्दार)| पार्श्वगायन के साथ ही अलीशा के कई पॉप एल्बम भी बेहद मशहूर रहे जैसे जादू, बेबी डॉल, आह अलीशा| लेकिन 1996 में अलीशा चिनॉय का सबसे ज्यादा हिट पॉप एल्बम आया मेड इन इंडिया जिसे संगीतबद्ध किया था बिददु ने| इस पॉप अल्बम ने अलीशा चिनॉय को घर-घर में मशहूर कर दिया| गौरतलब है कि मेड इन इंडिया अपने समय का सबसे अधिक बिकने वाला पॉप एल्बम है| बाद में अलीशा चिनॉय फिल्म मुझसे दोस्ती करोगे के गाने "ओह माय डार्लिंग" से हिंदी फिल्म संगीत में वापसी की और इस दौरान उन्होंने इश्क विश्क,मर्डर,करम,डॉन,धूम २,क्या लव स्टोरी है, फ़िदा, नो एंट्री, लव स्टोरी 2050, मान गए मुगले आज़म, अगली और पगली, चेहरा, झूम बराबर झूम, कमबख्त इश्क और अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी जैसे बहुत सारी फिल्मों में भी कई लोकप्रिय गीत गाये| लेकिन 2005 की फिल्म बंटी और बबली का ऐश्वर्या रॉय पर फिल्माया आइटम सांग कजरारे कजरारे आज भी उनके जीवन का सबसे मशहूर गीत है जिसने उन्हें उनके करिअर के उच्चतम शिखर पर पहुंचा दिया था| इसी सुपरहिट गाने के लिए अलीशा चिनॉय ने अपना पहला और एकमात्र सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी हासिल किया था| भारतीय पॉप गीतों की क्वीन और हिंदी सिनेमा की लोकप्रिय पार्श्वगायिका अलीशा चिनॉय के जन्मदिन पर हमारी ओर से उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनायें...

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अपने शब्दों, सुरों एवं गायिकी के दम पर देश-दुनिया में एक अलग पहचान बनाने वाले गीत-संगीत के सच्चे साधकों के जीवन संसार की रोचक एवं प्रेरक जानकारी...
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९० के दशक की “मेलोडी क्वीन” : अनुराधा पौडवाल (जन्मदिन पर विशेष)

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भारतीयसिनेमा की सबसे सुरीली एवं प्रतिभाशाली पार्श्व-गायिकाओं में शुमार की जाने वालीप्रख्यात गायिका “अनुराधा पौडवाल” ९० के दशक की “मेलोडी क्वीन” के रूप में जानीजाती हैं | कर्नाटक के उत्तर-कन्नड़ के कारवाड़ शहर में २७ अक्तूबर, १९५२ को जन्मीअनुराधा के बचपन का नाम था- अलका नन्दकरणी, जो बाद में मराठी के प्

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सदाबहार संगीतकार “मोजार्ट ऑफ मद्रास” ए. आर. रहमान (जन्म-दिवस पर विशेष)

6 जनवरी 2016
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70-80 दशक की बेहतरीन पार्श्वगायिकाओं में से एक “हेमलता”

8 जनवरी 2016
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किसी समय स्वर-कोकिला लता दी और सुर-उस्ताद आशा ताई के एक छत्र गीत-संसार मेंअनुराधा पौडवाल, अल्का याग्निक, कविता कृष्णमूर्ति, साधना सरगम के अलावा जिनगायिकाओं ने अपनी प्रतिभा से पहचान बनाई, उनमें हेमलता का नाम भी शामिल है | 16 अगस्त 1954 को भारत के हैदराबाद शहर मेंजन्मी लता भट्ट, जी हाँ यह हेमलता जी के

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इस गीत पर सिनेमा-हाल में उछाले गए थे सिक्के

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30 अगस्त 1991 को रिलीज़ सुधाकर बोकाड़े द्वारा निर्मित औरलारेंस डिसूजा द्वारा निर्देशित सुपरहिट हिंदी फिल्म “साजन” आपको जरुर याद होगीजिसमें माधुरी दीक्षित, संजय दत्त एवं सलमान खान ने यादगार भूमिका अदा की थी| खासतौर पर इस फिल्म का गीत-संगीत बेहद पसंद किया गया जिसके गीत समीर ने लिखे थे और इसकासुमधुर सदाब

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लोच एवं शोज भरी बिल्कुल अलग मधुर आवाज की प्रतिमूर्ति : कविता कृष्णमूर्ति (जन्मदिन पर विशेष)

25 जनवरी 2016
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90 के दशक की लोकप्रिय पार्श्वगायिकाओं में शुमार लोच एवं शोज भरी बिल्कुल अलगमधुर आवाज की प्रतिमूर्ति, कविता कृष्णमूर्ति का जन्म दिल्ली में रहने वाले एक अय्यर परिवार में 25 जनवरी, 1958 को हुआ था| संगीतकी शुरुआती शिक्षा कविता जी ने घर में ही ली| गौरतलब है कि आठ साल की उम्र में हीएक संगीत प्रतियोगिता मे

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90 साल के हुए संगीतकार ‘खय्याम’, जन्मदिन पर दान की करोड़ों की प्रॉपर्टी

18 फरवरी 2016
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हिंदी सिनेमा के प्रख्यात संगीतकार मोहम्मद जहूर ‘खय्याम’ आज 90 साल के हो गए हैं। अपनेजन्मदिन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने एलान किया कि वे अपनी 12 करोड़ की प्रॉपर्टी दानकर रहे हैं। इससे नए संगीतकारों को मदद मुहैया कराई जाएगी। दान से जुड़े ट्रस्ट से विभिन्नहस्तियों को भी जोड़ा जाएगा| 18 फ़रवरी,

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अरिजीत सिंह की बेहतरीन गायिकी का नमूना है गीत ‘तुझे याद कर लिया है आयत की तरह’ (सुनें आडियो)

23 फरवरी 2016
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विगत वर्ष 2015 में रिलीज़ हिंदी फिल्मों केबेमिसाल निर्देशकों में से एक संजय लीला भंसाली की बाजीराव मस्तानी में यूं तो सभीगीत बेहतरीन हैं| लेकिन इस फिल्म में आज के दौर के बेहद प्रतिभावान गायक अरिजीतसिंह द्वारा गाये गीत ‘तुझे याद कर लिया आयत की तरह’ दिल को छू लेने वाले अविस्मरणीयगीतों में से एक है| निश

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मेरे देश की धरती और यारी है ईमान मेरा जैसे गीतों के रचयिता गुलशन बावरा की जयंती (१२ अप्रैल) पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

13 अप्रैल 2016
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<!--[if !supportLists]-->-    <!--[endif]-->गुलशन बावरा का पूरानाम था गुलशन कुमार मेहता जिनका नाम गुलशन बावरा एक फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर ने उनकेड्रेस-सेंस को देखते हुए दिया था|<!--[if !supportLists]-->-    <!--[endif]-->लाहौर से ३० किमी० दूरशेखूपूरा नामक जगह पर १२ अप्रैल १९३७ को इनका जन्म हुआ था|<!--[i

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गीतकार हसरत जयपुरी की जयंती पर भावभीनी आदरांजलि

15 अप्रैल 2016
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15 अप्रैल 1922 को जयपुर में जन्मेहिंदी सिनेमा के जाने-माने गीतकार हसरत जयपुरी का जन्म नाम था इकबाल हुसैन| 1940में जयपुरी साहब मुंबई आये| शुरुआत में 11 रुपये मासिक पर बसकंडक्टर का काम किया| एक मुशायरे में पृथ्वीराज कपूर जी ने उन्हें नोटिस किया औरराज कपूर को उनका नाम सुझाया| फिर राज कपूर के कारण 1949

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कहीं दूर जब और ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय जैसे गीतों के शब्दकार योगेश को जन्मदिन की शुभकामनायें

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16 अप्रैल 1943 को लखनऊ में जन्मे गुणी गीतकार योगेश गौड अपने सुन्दर प्रवाहमय अर्थपूर्णगीतों के लिए जाने जाते हैं| 1971 की कालजयी फिल्म आनंदके गीत कहीं दूर जब दिन ढल जाए और ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय को भला कौन भूल सकताहै| हिंदी सिनेमा के ये उम्दा गीत हैं| फिल्म रजनीगंधा का गीत रजनीगंधा फूलतुम्हारे महक

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