आखिर कब तक आखिर कब तक करते रहोगे अमानवीय काम ढोते रहोगे मलमूत्र मरते रहोगे सीवरों में निकालते रहोगे गंदी नालियाँ ढोते रहोगे लाशें आखिर कब तक सहोगे ये जुल्म कब तक रहोगे खामोश ? सुनो सफाईकर्म
उजाले की ओर हमारे पूर्वज हमारा अभिमान है, हमारे पूर्वज इस देश की मूल संतान हैं, हमारे पूर्वज कभी शासक हुआ करते थे इस देश के। हमारे पूर्वजों को गुलाम बनाकर कराये गये घृणित कार्य अब समय आ गया