छोड़ दो आधुनिकता के दौर में नित नई-नई खोज हो रही है। कभी मंगल तो कभी चाँद पर बसने की टोह हो रही है। ये सब देखते हुए भी तुम - नही सीख रहे हो, अभी भी जीवन जी रहे हो पुराने ढर्रे से। क्यो
उजाले की ओर हमारे पूर्वज हमारा अभिमान है, हमारे पूर्वज इस देश की मूल संतान हैं, हमारे पूर्वज कभी शासक हुआ करते थे इस देश के। हमारे पूर्वजों को गुलाम बनाकर कराये गये घृणित कार्य अब समय आ गया
The Pride of Dalit community a famous writer of Dalit literature, poet, story writer, actor, director, social activist, a multi talented personality Omprakash Valmiki was born on 30 June 1950 in Barla
भारत देश के नागरिकों को अपने वीर सपूतों पर गर्व है, जिन्हों2ने देश की मर्यादा की रक्षा करते हुए अपना सर्वस्व लूटा दिया। इतिहास में ऐसे कई लाल हुए हैं, जिन्होंने अपनी जान से भी अधिक महत्व आजादी को दिया