आखिर कब तक आखिर कब तक करते रहोगे अमानवीय काम ढोते रहोगे मलमूत्र मरते रहोगे सीवरों में निकालते रहोगे गंदी नालियाँ ढोते रहोगे लाशें आखिर कब तक सहोगे ये जुल्म कब तक रहोगे खामोश ? सुनो सफाईकर्म
छोड़ दो आधुनिकता के दौर में नित नई-नई खोज हो रही है। कभी मंगल तो कभी चाँद पर बसने की टोह हो रही है। ये सब देखते हुए भी तुम - नही सीख रहे हो, अभी भी जीवन जी रहे हो पुराने ढर्रे से। क्यो
वैष्णव जन तो ते नर कहिये पीरपराई जान रे (स्वच्छता अभियान ) डॉ शोभा भारद्वाज महात्मा गाँधी जी की 150 वींजयंती के अवसर पर सूर्या संस्थान नोएडा में आयोजित सर्वधर्म समभाव गोष्ठी के अवसरपर विभिन्न धर्म गुरु के भाव पूर्ण प्रवचनों को सुनने का अवसर मिला | सफाईकर्मचारियों द्वारा तैयार जलपान सबने गृहण किया
अब जैसे-जैसे गर्मियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी हैं, हर किसी को एक चीज की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होगी, वह है फ्रिज। ठंडा पानी पीने से लेकर खाना खराब होने से बचाने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर से, गर्मी के मौसम में तो इसकी जरूरत हर घर में महसूस होती है। जहां फ्रिज आपकी जरूरतों का ध्य
कूड़े कचरे की बात तो हम बहुत करते है लेकिन सच तो यह है की अगर हमसे कहा जाये की कूड़े को पैदा ही न होने दिया जाये तो शायद हम एक बार बिना सोचे हां कर दे लेकिन ऐसा करना हमारे लिए संभव नहीं तो कम से कम कठिन जरूर है, क्योंकि जिसे हम कूड़ा कहते है वास्तव में वो हमारी सुख