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जाने और अनजाने में बस तिरा नाम पुकारा करते हैं!अक्सर ही दीवारों पर तिरी तस्वीर उतारा करते हैं!आतिश ए इश्क़ने बख़्शे
तुम्हारी जुल्फों के साए से भी, न जाने क्यूँ डरसा लग रहा है!कोई तो है आस पास अपने, या सिर्फ मुझको गुमाँ हुआ है!किसी की आँखों में अश्क हैं तो,किसी के चहरे पे मुस्कुराहट,अजीब रस्में&nbs
नज़रें मिला के उसने तो यार कमाल कर दिया!एक हसीना ने मिरा जीना मुहाल कर दिया!फैली तो है ये बात भी श