विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर।
हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं।
तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
कम से कम शब्दों में अधिक भाव व्यक्त करना प्राचीन भारतीय साहित्य की विशेषता रही है। संस्कृत वाङ्मय में कहा गया है- "अर्द्धमात्रा लाघवेन पुत्रोत्सवं मन्यन्ते वैयाकरणा:।" हाइकु में भी कम से कम शब्दों में अधिकाधिक अभिव्यक्ति की अपेक्षा की जाती है। विविध