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" हसरत ना की है हमने किसी के दिल में जगह पाने की...शिकायती निगाहें, तानों से भरी जूबान से कभी मिठास पाने की....तकलीफ़ बहोत है तुम्हें हमसे, आरूजू हमसे दूर हो जाने की...पर ये मंजूरे खुदा भी नहीं होता,