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जैसे.... रात के काले अंधेरे के बाद सूरज अपनी किरणें फैला कर इस धरती को जगाता है... जैसे.... एक इंतजार के बाद ये सावन काले बादलों की साए में बूंद बूंद बरस कर इस धरती की प्यास बुझाता है... जैसे... बार