सरस्वती महामाया,ज्ञान वरदायिनी मां,
अज्ञानता हर कर,विद्या का संस्कार दो।।
सौदामिनी सुधामूर्ति,वीणा वादिनी त्रिगुणा,
ज्ञान चक्षु खोलकर,शब्द का भंडार दो।।
विद्यारूपा विशालाक्षी,ब्रह्मजाया माहाफला,
लय सुर यति गति, मन में उतार दो।।
त्रिकालज्ञा वरप्रदा,देवी सुरवंदिता मां,
चित्त राष्ट्र में लगा कें,कविता में धार दो।।