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सावरकार काला पानी और उसके बाद 1

23 मार्च 2023

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1946 के बाद से ही राजनैतिक वनवास में पड़े सावरकर दुबारा चर्चा में तब आए जब गांधी-हत्या के

बाद शक की सूई उनकी तरफ़ भी गई। असल में डॉ. जगदीश चन्द्र जैन नामक एक व्यक्ति ने गांधी-

हत्या षड्यंत्र के बारे में मदनलाल ढींगढीं रा से मिली जानकारी गांधी पर हुए पहले हमले के बाद बम्बई

प्रान्त के तत्कालीन गृहमंत्री मोरारजी देसाई को दी थी, जिसमें सावरकर का भी नाम था।

हालाँकि उनकी जानकारी पर उस समय तो कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन गांधी-हत्या के

बाद नियुक्त किए गए जाँच अधिकारी नागरवाला ने पहला काम किया, बम्बई में सावरकर के घर पर

छापा मारने का। इसमें कोई डेढ़ सौ फ़ाइलें और दस हज़ार काग़ज़ात ज़ब्त किए गए। हालाँकि छापे

के बाद सावरकर को तुरन्त गिरफ़्तार नहीं किया गया क्योंकिक्यों यह डर था कि उस समय उनकी

गिरफ़्तारी से पूरे बम्बई प्रान्त में आग लग सकती थी। बहुत बाद में मालगाँवकर से बातचीत में

नागरवाला ने कहा—अपनी आख़िरी साँस तक मुझे यह भरोसा रहेगा कि सा वरकर ने ही गांधी-हत्या

का षड्यंत्र रचा था।

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रचनाएँ
सावरकर: काला पानी और उसके बाद
4.8
यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश है। सावरकर की प्रचलित छवियों के बरक्स यह किताब उनके क्रांतिकारी से राजनेता और फिर हिन्दुत्व की राजनीति के वैचारिक प्रतिनिधि तथा पुरोधा बनने तक के वास्तविक विकास क्रम को समझने का प्रयास करती है। इसके लिए लेखक ने सावरकर के अपने विपुल लेखन के अलावा उनके सम्बन्ध में मिलने वाली तमाम पुस्तकों, तत्कालीन ऐतिहासिक स्रोतों, समकालीनों द्वारा ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों आदि का गहरा अध्ययन किया है। यह सावरकर की जीवनी नहीं है, बल्कि उनके ऐतिहासिक व्यक्तित्व को केन्द्र में रखकर स्वतंत्रता आन्दोलन के एक बड़े फ़लक को समझने-पढ़ने का ईमानदार प्रयास है। कहने की ज़रूरत नहीं कि राष्ट्र की अवधारणा की आड़ लेकर क़िस्म-क़िस्म की ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक विकृतियों के आविष्कार और प्रचार-प्रसार के मौजूदा दौर में इस तरह के निष्पक्ष अध्ययन बेहद ज़रूरी हो चले हैं। अशोक कुमार पांडेय ने इतिहास सम्बन्धी अस्पष्टताओं की वर्तमान पृष्ठभूमि में कश्मीर और गांधी के सन्दर्भ में अपनी पुस्तकों से सत्यान्वेषण का जो सिलसिला शुरू किया था, यह पुस्तक उसका अगला पड़ाव है और इस रूप में वर्तमान में एक आवश्यक हस्तक्षेप भी।

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