#सवाल भी तुम जवाब भी तुम
आज माँ भारत देखे सन्तानो को
ओर सोचे मन मे आज अभी
#सवाल भी तुम जवाब भी तुम
सवालो का सामना तो करो सभी।।
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सब एक के पीछे एक छुपे बैठे हैं
नही लज्जा किसी मे बची अभी
माँ का आँचल दबाए बैठा है
डॉलर,ओर आबादी
सवा अरब देख रही सभी।।
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सवालो का सामना करना है आपको
तो जवाब भी आपको देना है कभी
राष्ट्र का भविष्य सन्ताने उसकी,जब
सन्ताने आपकी पूछेगी आपसे कभी।।
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क्यो नही ऊपाय किए किसी ने,कैसे
डॉलर सो के पार पहुचा कभी
क्या मर्दांगी म्रत हो चुकी थी सबकी
या,नतमस्तक डॉलर के आगे हुए थे सभी।।
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आज घर घर मे पसरा है सन्नटा
नही रोजगार अब बचे अभी
नही भारतीय कम्पनिया
नही बची भारत मे
बहुराष्ट्रीय कम्पनिया छाई सभी।।
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पूछेगा कभी भविष्य आपसे
पूछेगे आपके पौत्र आपसे कभी
बताओ दादा जी क्या भारत,पहले
सम्रद्ध था या आज है अभी।।
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तब सवाल भी आप होंगे,तो
जवाब भी आपको देने होंगे कभी
कब तक एक के पीछे एक छुपे बैठे रहोगे
तैयार रहो, वो वक़्त भी जल्द आने को हैं कभी।।
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तब याद आएगे यह शब्द हमारे
जो लिखित में आज है दिखे अभी
तब हम हो या ना हो जहाँ में,परन्तु
हमारे शब्द अमर रहेंगे सभी।।
स्वरचित
हरीश हरपलानी