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सच्चा मित्र...... संग साथ

23 फरवरी 2024

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शीर्षक - सच्चा मित्र             

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सच्चा मित्र वक्त का सच है।

जिंदगी और जीवन का आज हैं।

हां सच्चा मित्र ही एक संग साथ हैं।

अपन पराया कोई सच्चा मित्र होता हैं।

हां हम तुम और वह अपने होते हैं।

सही राह को बताएं सच्चा मित्र कहते हैं।

बुरा वक्त सही बस गम नहीं सच्चा मित्र होता हैं।

सच्चा मित्र ही समय पर संग साथ निभाता हैं।

एहसास और एतबार जहां सच्चा मित्र वहां होता हैं।

सच तो आज कुछ नहीं बस एक सोच हम रखते हैं।

सच्चा मित्र ही आज और कल बरसों साथ देते हैं।

बस हम सभी साथ निभाने वाले गर  होते हैं।

सच्चा मित्र ही आज निभाने वाले कहां मिलते हैं।

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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्रसच

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने सर 💯🙏

2 मार्च 2024

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रचनाएँ
आप और हम
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आप और हम जीवन की विडंबना सच हम जानते हैं। आप और हम फिर भी अनजान रहते हैं। हां अहम और वहम की जिंदगी जीते हैं। आप और हम शायद अंतर्मन न जानते हैं। आओ पढ़े

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