सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
मैंने माना मैं नादान हू, नही पहचानता खुद को
कभी जो भटकू मैं पथ से, मुझे रस्ता दिखाना तुम
जो गलती से गर गलती हो, तो गलती भूल जाना तुम
सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
मेरी जो याद आऐ तुमको, मेरा मिलना गर दूभर हो
मेरे गाएं हुऐं गीतो, हां सुर से गुनगुनाना तुम
सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
आपके संग गुजारे पल, मुझे यूं याद आएंगे
तन्हाईयों में बैठे-बैठे, मुझको सताएंगे
तो आके ख्वाबों मे मेरे, मुझे फिर याद आना तुम
सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
आपने जो रस्ता दिखाया है, उसी पर चलते जाएंगे
जो दामन दोस्त का छूटे, हाथ अपना बढ़ाना तुम
सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
मेरी कागज और कलमों को, आपका ही सहारा हैं
जो लव से कह नही पाया, उसे गीतो मे उतारा हैं
मैं हरदम लिखता जाउंगा, हौसला मेरा बढ़ाना तुम
सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुम
मुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुम
- सुनील कुमार