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मेरी रचना ।....सुनील कुमार

14 सितम्बर 2015

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featured image इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे तेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगे पंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगी गांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगी मीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगी प्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगी इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे तेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगे

सुनील कुमार की अन्य किताबें

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मेरी रचना ।....सुनील कुमार

14 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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मेरी रचना ।....सुनील कुमार

14 सितम्बर 2015
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तुमने मुझे चाहा...मैंने तम्हे चाहाये देख दुनिया में...इक हलचल सी मच गई हैंतुझसे मेरा रिश्ता...इक सांस से बधा हैंजिसे तोड़ने की साजिश...हर शक्स कर रहा हैंमैं तो यही खड़ा हूं...इक तू ही नही हैंतुझे खोने के डर से...मेरी सांस थम गई हैंतू तोड़ कर सारे...रश्मो-रिवाजो कोमिलने मुझे आजा क्यू...देर कर रही हैं

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सदा आबाद रहना तुम...

14 सितम्बर 2015
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सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुममुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुममैंने माना मैं नादान हू, नही पहचानता खुद कोकभी जो भटकू मैं पथ से, मुझे रस्ता दिखाना तुमजो गलती से गर गलती हो, तो गलती भूल जाना तुमसदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुममुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुममेरी जो याद आऐ त

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आज फिर दिन गुजर गया

14 सितम्बर 2015
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आज फिर दिन गुजर गयाकल की मुझको खबर नहीसोचता हूं मैं भूल गया हूंभूल गया क्या पता नहीबेगुनाह हूं फिर भी मिली सजागुनाहगारों को क्यू सजा नहीन्याय नही होता होऐसी तो कोई वजह नहीमार गये वो बिन छूरी केदिल को मेरे तोड़ गयेजब आई मुसीबत सारे अपनेघर मे अकेला छोड़ गयेकहते थे वो जान हो मेरीरहते हो मेरे दिल मेअब क

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थोड़ा-थोड़ा जी लेता हूं...

14 सितम्बर 2015
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थोड़ा-थोड़ा जी लेता हूंगम के आंसू पी लेता हूंआएगी फिर तू मुझसे मिलनेइसी सोच मे खोया रहता हूंनदियाँ है तू प्यार की मेजिसमे मैं बहते रहता हूंदिल की बातें पढ़ ले तू भीदिल से मैं जो भी कहता हूंजो सपने देखे थे दिल नेपूरे करने आजा मिलनेकोई गिला अब नही है तुझसेकसम से तेरी मैं कहता हूंथोड़ा-थोड़ा जी लेता हू

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खुशबू की तरह

16 सितम्बर 2015
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खुशबू की तरह मेरी हर सांस मेप्यार अपना बसाने का वादा करोरंग जितने तुम्हारी मुहब्बत के हैंमेरे दिल मे सजाने का वादा करोहै तुम्हारी वफाओं पर मुझको यकीनफिर भी दिल चाहता है मेरे दिलनशीयूं ही मेरी तसल्ली की खातिर जरामुझको अपना बनाने का वादा करों- सुनील कुमार

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तेरी आंखो के आंसू मैं देख नहीं पाता

16 सितम्बर 2015
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तेरी आंखो के आंसू मैं देख नहीं पातामेरी आंखो के आंसु मैं रोक नहीं पातातुम जो हँस देते हो तो मैं मुस्कुराता हूं...तेरे दामन के सारे गम मुझको मिल जाऐंबुरी बलाऐं साएं को तेरे कभी न छूं पाऐंरहे सलामत तू हरदम ये दुआं मेरी रब सेइसी बहाने रब को मनाने मस्जिद मंदिर जाता हूं...तू हैं मेरा सच्चा साथी जान गया ह

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सॉई से मोहब्बत करलो

16 सितम्बर 2015
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सॉई से मोहब्बत करलो, सांई है सबसे प्यारासांई से दिल लगालो, सांई ने सबको तारामैं तो नहीं हूं काबिल, काबिल मुझे बनादेंसपनों मे आने वाले, नसीबा मेरा जगादेंदेखे हसीं नजारे, कुछ भी तो नही भायाअब जाके समझ आया, प्यारा है तेरा द्वारासॉई से मोहब्बत करलो, सांई है सबसे प्यारासांई से दिल लगालो, सांई ने सबको तार

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तेरा दर हो, मेरा सर हो तो मजा आ जाऐं

16 सितम्बर 2015
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तेरा दर हो, मेरा सर हो तो मजा आ जाऐंउठाऊं सर, तेरा दरश हो तो मजा आ जाऐंमांगने से तो तुम भर ही देते हो झोली खालीबिन मांगे ही मुझ पर करम हो तो मजा आ जाऐं- सुनील कुमार

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हर मुश्किल का हल होगा, आज नही तो कल होगा

16 सितम्बर 2015
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हर मुश्किल का हल होगा, आज नही तो कल होगासांई का लो दामन थाम, बन जाएंगे बिगड़े कामममता का आंचल होगा, आज नही तो कल होगासांई जैसा कोई और नही, देर है अंधेर नहीनिर्बल में भी बल होगा, आज नही तो कल होगा - सनील कुमार

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क्या से क्या हो गये देखते-देखते

16 सितम्बर 2015
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क्या से क्या हो गये देखते-देखतेवीरान गांव अब शहर हो गये देखते-देखतेकल तक जिनके मुकद्दर मे कुछ भी न थाआज बादशाह हो गये देखते-देखते - सनील कुमार

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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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जाना है मुझको शिरड़ी, रस्ता दो उस शहर की

16 सितम्बर 2015
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जाना है मुझको शिरड़ी, रस्ता दो उस शहर कीबरसात हो रही है, मेरे सांई के महर की -2शिरड़ी को मैं भी जाऊ, तन-मन भिगा के आउंसजदें में मेरे सांई, मैं तेरे ही गुन गाउंतुम ही हो मेरे मौला, तुम ही हो मेरे रब जीबरसात हो रही है मेरे.........तुझे हमसफर बनाउ, तुझसे मैं दिल लगाउमुझे इश्क है तुम्ही से, ये कैसे समझा

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सदा आबाद रहना तुम...

14 सितम्बर 2015
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सदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुममुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुममैंने माना मैं नादान हू, नही पहचानता खुद कोकभी जो भटकू मैं पथ से, मुझे रस्ता दिखाना तुमजो गलती से गर गलती हो, तो गलती भूल जाना तुमसदा आबाद रहना और, हरदम मुस्कुराना तुममुझे बस याद रखना तुम, कही न भूल जाना तुममेरी जो याद आऐ त

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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगे

16 सितम्बर 2015
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इस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नगमें सब मिल गाएंगेपंछी, बादल, पर्वत, नदियाँ सबको बताएंगीगांव का पीपल, आम की डाली, खेत की फसले भी लहराएंगीमीरा के दोहे, श्याम की बंशी ये समझाएंगीप्यार करो तो इनके जैसे सबको बताएंगीइस दुनियाँ में प्यार के मौसम जब भी आएंगेतेरे मेरे प्यार के नग

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