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शायराना अंदाज

7 सितम्बर 2024

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ना पा सके ना भुला सके, ना बता सके ना जता सके, तू क्या है मेरे लिए न खुद समझ सके और न ही समझा सके।

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

वाह बहुत खूब लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏🙏

8 सितम्बर 2024

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रचनाएँ
Mohd Arif की डायरी
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' अपना 'शब्द है तो अपने जैसा पर ये साबित हो पाता है,इसको समझना क्या आसान है या बहुत मुश्किल। जिंदगी में इस शब्द के क्या मायने है क्या लोग इससे पसंद करते है या अनजान रहते हैं। कुछ पहलू इसके इस किताब में प्रदर्शित है।

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