आजकल हर एक-दो दिन बाद किसी न किसी के शादी का न्यौता है। अब शादियों की बात निकली है तो बताती चलूँ कि अभी दो दिन पहले मेरी एक सहेली के बेटे की बारात में खूब मौज-मस्ती, नाच-गाना करके फिर अपनी दुनिया में रमी ही थी कि उसने बहु की मुँह दिखाई रश्म के लिए अपने घर बुलाया। अब सहेली के बेटे की बहु का सवाल है तो फिर न जाने का तो सवाल ही खड़ा नहीं होता? मैं यह सोचते-सोचते उनके घर पहुंची कि यदि हमारे भी १० साल पहले बच्चे पैदा हो गए होते तो इसी तरह मेरे घर में भी बहु आ गई होती और मैं भी सास बन गई होती। घर पहुंचकर मैंने देखा कि कई लोग हँसते-मुस्कुराते हुए आ-जा रहे हैं, लेकिन एक वह थी कि जो मुझे कुछ उखड़ी-उखड़ी सी लगी तो मुझसे रहा न गया और मैंने उससे पूछा कि, यार क्या बात है सब खुश है लेकिन तू क्यों उखड़ी-उखड़ी है तो वह कहने लग- क्या कहूँ यार, शादी तो तूने भी देखी कि बड़ी धूम-धाम से हुई, हमने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखी, सभी लोग खुश दिख रहे थे, लेकिन .... कहते-कहते वह अटक गई। मैंने कहा- जब सबकुछ ठीक-ठाक हुआ तो फिर तेरा मुँह क्यों लटका है? वह धीरे से बोली कि, अरे यार, हमारे कुछ रिश्तेदारों को कहते सुना कि उन्हें शादी में खाने-पीने का मजा नहीं आया। मैंने कहा खाना-पीना तो सबकुछ बहुत अच्छा था फिर ये अलग से उन्हें क्या चाहिए था। इस पर वह बोली अरे वो हमने सबको पहले से कह दिया था कि कोई शराब पीकर शादी में नहीं आएगा, शायद इसलिए वे नाराज हो गए होंगे और बातें बना रहे हैं। उसकी बात सुनकर मुझे हँसी आई तो वह कहने लगी- अरे तुझे हँसी आ रही है, यहाँ सोच-सोच कर मेरी जान सूखी जा रही है कि आखिर चूक कहाँ हुई, रिश्तेदारी वाली बात है न? मैंने उसे कहा देख यार इन पीने वालों की बात तो कर ही मत और रही बात दूसरे रिश्तेदारों की तो कुछ दिन की बात होती है सब भूल जाते हैं, ये दुनिया है तुम कितना भी कुछ कर लो कोई न कोई असंतुष्ट हो ही जाता है, फिर ऐसे लोगों के बारे में काहे का सोचना। ऐसे लोगों को भगवान भी नहीं समझा सकते हैं, फिर हम किस खेत की मूली हैं। इसलिए अभी बहु घर आयी है, उसे देखो और दोनों खुश रहो। मेरी बातों का उस पर असर हुआ तो हमने भी बहु के साथ खूब हँसी-ठट्टा कर उसे मायके की याद नहीं आने दी। क्योँकि मैं अच्छे से समझती हूँ कि एक घर से दूसरे घर जब कोई लड़की आती है तो उसे तभी अच्छा लगता है जब उसे अपने घर जैसा माहौल मिलता है, नहीं तो वह उदास होकर बार-बार अपने मायके की यादों में डूबने-उतरने लगती है।