समस्त गुरुकुल को शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं आपको सादर समर्पित कुछ पंक्तियां
तू उजाला भविष्य का, दीपक है तू।
तुझ सा दानी कर्ण नहीं होगा कहीं।।
तू धुरी है समाज की , हां विज्ञान तू।
तू नहीं है तो बस, एक धोखा नहीं।।
तू नहीं है जहां, वहां अंधेरा घना।
तुम जिधर भी गए वहां दिए जल गए।।
दंडिका तू लता की, तू सहारा बना।
हां पतझडों को भी तुम हरा कर गए।।
सौरभ चक्रवर्ती