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Shridhar Raurale एक अवलिया संत "बाबा गुणवंत"

Shridhar Raurale

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आपने संत महात्माओं नाम सुने होगें! कभी कभार देखें होंगे या नाम सुना होगा! पर मेरे जीवन में मैंने एक महान तपस्वी योगी राज संत सम्राट गुणवंत बाबा श्री क्षेत्र लाखनवाडी इनके क्षेत्र छाया में साक्षात बाबा के साथ साथ अपने जीवन का आधा जीवन काल बिताया है! बाबा के प्रसार प्रचार कार्य में हमारे परिवार का सबसे बडा योगदान रहा है! मेरे बडे भाई साहब कविरत्न "नागोरावजी रौराळे" जिन्हें दरबारी कव्वाल के नामसे भी जाना जाता था! उन्होंने बाबाजी की महीमा अपने कलम से हुबेहू अपने शाहिरी अंदाज से लोगों के दिलों दिमाग तक पहुचाई!उनके गित और आरती आज भी लोगो के जुबां पर राज करती है! मेरा छोटा भाई तो बाबाजी का लाडला भक्त हुआ करता था! आपको यकीन करना मुश्किल होगा पर जिन्होंने साक्षात् बाबाजी को देखा है उन्हें आज भी पता है एक वक्त ऐसा था कि बाबा खाना भी गिरधर के हाथों से ही खाते थे! अगर ओ कही गया हो तो उसका इंतजार करते थे! उसके आने के बाद ही खाना खाते थे! देखा कितना प्यार करते थे बाबा मेरे परिवार पर! बडा़ भाई और छोटा भाई बाबाजी के जीवन पर लाईव्ह स्टेज प्रोग्राम किया करते और बाबाजी की महिमा गितगायण के माध्यम से लोगों तक पहुचाने का काम करते थे! बाबाजी के गितगायण की एवम आरती भजन के किताबें छापकर हम बाबा के जंगल परिसर में भक्तोको कम से कम किंमत पर बेचते थे बाबा की फोटो और किताबों की हमारी पहिली दुकान बाबा के साथ साथ जंगल में मैं संभालता था! मै सबसे ज्यादा उनके सानिध्य में रहा हूँ! पर भक्ति श्रद्धा से मैं हमेशा दुर रहा हूँ! यही कारण रहा होगा शायद मैं भक्तों की फिल्ड में नहीं के बराबर हूँ! जादा तर लोग नागोरावजी को और गिरधर को ही जानते हैं! मुझे भी कहीं लोग पहचानते हैं, जानते हैं मगर मेरे दोनों भाईयों को चाहते हैं! उनके साथ बहुत ही लोगों का लगाव रहा है! हा एक बात और है बाबाजी के कुछ गित मैंने भी लिखे हैं! मगर मैंने कभी कोई स्टेज पर नहीं गाया, कोई बडा प्रोग्राम नहीं किया पर बाबाजी के आखरी समय पर जब भी चार पाई पर बैठे भक्तों को चलने का आदेश देते थे तो मेरा लिखा हुआ गित ही भक्तों को गाने के लिए बोलते थे! तब मेरे बडे़ भाई नागोरावजी कहते थे! हमने जो सारी जीवन महीमा गायन किया और सफल तु हो गया बाबा खुद तेरा लिखा गाना सुनना पसंद करते हैं! मेरी प्रसंसा और बाबाजी का मेरे प्रति प्यार देख मै धन्य हु 

shridhar raurale ek avaliya sant quot baba gunvant quot

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