shabd-logo

स्कूल वाली दोस्त भाग 1

27 मार्च 2022

61 बार देखा गया 61

में उसे देखते ही पहचान गया चहरे पर प्रसन्नता लिये में उसकी डेस्क के पास गया ,

डेस्क के पास देखते ही उसने मुझे सर कह कर संबोधित किया, उसके सर कहते ही मुझे कुछ अजीब लगा, साथ ही बैंक में आने का कारण भी याद आया।

मेने अपना नाम बताया और एक स्माइल दी (सभ्य मुस्कान)।

article-image

उसने कहा - जी कहिये ।

मेने कहा- वैसे तो में यहाँ गोल्ड लोन करवाने आया था तुम शायद मुझे पहचान नही पायी, में एस. एस. स्कूल में तुम्हारे साथ ही पड़ता था।

उसने कहा -अच्छा हा हो सकता है मुझे ज्यादा ध्यान नही

तो तुम्हे गोल्ड लोन चाहिए ? 

आज तो बहुत रश है तुम प्लीज् कल आ जाना में करवा दूंगी।ok

इतना कह के वो फ़ोन ले कर मैनेजर के रूम में चली गयी।

में जल्द ही बैंक से बाहर आ गया।

हममे से कुछ लोग लोगो ओर चीज़ो को दिल से लगा कर बैठते है, पुराने समय को , दोस्तो को याद रखते है,

जमाना बदल गया है मूल्य बदल रहे है, समय की कमी ने रिश्तों को औपचारिकता में तब्दील कर दिया है।शायद यही है आजकल का एडवांस होना।

रमाकांत पंडित सीहोर

रमाकांत पंड़ित की अन्य किताबें

आंचल सोनी 'हिया'

आंचल सोनी 'हिया'

बेहतरीन.... यूं ही लिखते रहिए🙏🌸

30 मार्च 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut hi accha likha aapne 👌👌

27 मार्च 2022

रमाकांत पंड़ित

रमाकांत पंड़ित

28 मार्च 2022

धन्यवाद काव्या जी, प्रोत्साहन ही लेखक की प्रेरणा है।

1

स्कूल वाली दोस्त भाग 1

27 मार्च 2022
6
5
3

में उसे देखते ही पहचान गया चहरे पर प्रसन्नता लिये में उसकी डेस्क के पास गया , डेस्क के पास देखते ही उसने मुझे सर कह कर संबोधित किया, उसके सर कहते ही मुझे कुछ अजीब लगा, साथ ही बैंक में आने का कारण भी य

2

दाढ़ी का सफेद बाल

30 मार्च 2022
5
2
3

दोस्त का कॉल आया सुन प्राइवेट बैंक में केशियर का पद खाली है ,करेगा क्या ? मस्त सैलरी है।  मैंने कहा तेरी दाढ़ी में सफेद बाल आ गए हैं ना ?  उसने कहा क्या ?  मैंने कहा तू सुबह 8:30 -9 बजे जाता ह

3

अधूरी , आंखे

30 मार्च 2022
6
2
4

आंखों से बरसती है जो कभी, आंखों में बसा करती थी वो कभी, आंखों से झलका करती थी जो कभी, आंखों से बचा करती है वो अभी, आंखों से ही बयां करती थी जो, आंखों में ही गुम है अभी, "मेरी अधूरी कहानी" Ramakant pan

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए