1980-90 का दौर भारत में बड़ा ही उथल-पुथल वाला था. राजनीति एकदम से बदल रही थी. राम का नाम बेचा रहा था. वहीं बॉलीवुड से कूड़ा आ रहा था. सिनेमा के लिहाज से इसको बॉलीवुड का सबसे ख़राब वक़्त माना जाता है. उसी वक़्त हमारे बबलू भैया जवान हो रहे थे. राजनीति और सिनेमा में विशेष रूचि. नेतागिरी का मौका हो और सिनेमा