Sushma goswami
2 किताबे ( 2 हिंदी )
0 लेख ( 0 हिंदी )
I'm a teacher and a writer also I writes sad novel with good plot structure and personification speech..
अधूरा इंतजार
मैंने तो खुद को समेटा था ऐसे, सात परदों में छुपा लिया हो जैसे, खामोशी मेरा पर्याय बन चुकी थी मैं, मैं नहीं, कुछ और हो चुकी थी खामोश दर्पण में अपना अक्स देखने वाली मैं न जाने कब और कहाँ खो चुकी थी स्याही सूख गयी थी शब्द धुंधला गए थे सरस्वती की उपासक
अधूरा इंतजार
मैंने तो खुद को समेटा था ऐसे, सात परदों में छुपा लिया हो जैसे, खामोशी मेरा पर्याय बन चुकी थी मैं, मैं नहीं, कुछ और हो चुकी थी खामोश दर्पण में अपना अक्स देखने वाली मैं न जाने कब और कहाँ खो चुकी थी स्याही सूख गयी थी शब्द धुंधला गए थे सरस्वती की उपासक
);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---