तीन निगाहों की एक तस्वीर आपका बंटी और महाभोज जैसे कालजयी उपन्यासों की रचयिता मन्नू भंडारी की कहानियाँ अपने मन्तव्य की स्पष्टता, साफगोई और भाषागत सहजता के लिए खासतौर पर उल्लेखनीय रही हैं। उनकी कहानियों में जीवन की बड़ी दिखनेवाली जटिल और गझिन समस्याओं की गहराई में जाकर, उनके तमाम सूत्रों को समेटते हुए, एक सरल, सुग्राह्य और पठनीय रचना को आकार दिया जाता है। इस संग्रह में शीर्षक-कहानी के अलावा शामिल अकेली, अनथाही गहराइयाँ, खोटे सिक्के, हार और चश्मे आदि सभी कहानियाँ जीवन के विभिन्न सन्दर्भों को एक खास रचनात्मक आलोचना-दृष्टि से देखते हुए पाठक को सोचने और अपने वातावरण को एक नई, ताजा निगाह से देखने को प्रेरित करती हैं।
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