गर हम होते आजादी में ,
जाकर शत्रु से लड़ जाते
फिर चाहे जो हो जाता,
विजयी तिरंगा फहराते
हम लिए तिरंगा आगे बढ़ते,
चाहे पर्वत भी टकरा जाते
लेकर शपथ निज वतन की
आगे-आगे बढ़ते जाते
चाहे सर कटते मेरे ,
चाहे होश-हवाश उड़ते जाते
सच बोल रहा हूँ ये मित्रों
मृत्युलोक में भी जश्न मनाते
फिर चाहे जो हो भी जाता विजयी तिरंगा फहराते|
हम वीर सैनिक आगे बढ़ते
बरछी,भाले भी सह जाते
गाकर गान अपने वतन का ,
इक गाथा हम लिख जाते
ये सब गर हम कर पाते ,
तो वीर जाँबाज जवान कहाते
फिर चाहे जो भी हो जाता विजयी तिरंगा फहराते||