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ग्रेसी और प्रीति ने अपनी क्लास अटेंड की और दोनो कॉलेज से निकल गई.....
अब आगे................
प्रीति : चल ना यार रामदीन काका के दुकान के छोले समोसे खाते है , कितने दिन से नही खाया हमने...🙆🏻♀️
ग्रेसी : नही आज नही.. आज मेरा बिल्कुल भी मन नही है , किसी और दीन चलेंगे....
प्रीति : मन में सोचते हुए मुझे पता है तू सुबह भी नाश्ता किए बिना आई है पर तू बोलेगी नहीं , अच्छा ठीक है मत चल,,,,,,,
बस मेरा बहुत मन था आज...... क्या पता किसी और दिन ये जिंदगी रहे न रहे समोसे खाने के लिए इत्तू सा मुंह बना कर प्रीति बोलती हैं....😌😌😌
प्रीति की नौटंकी देख कर 🙄 ग्रेसी अच्छा चल अब अपनी नौटंकी बंद कर चल चलती हूं...
फिर दोनो रामदीन काका के दुकान पर जाती हैं!
दोनो ने समोसे खाएं और चाय पीने के बाद दोनो
अपने – अपने घर की तरफ निकल जाती हैं।
प्रीति अपनी स्कूटी ले कर अपने घर को निकल जाती है।
ग्रेसी बस स्टैंड पर रुक कर बस आने इंतजार करने लगती है!
थोडी देर में बस आकर रुकती हैं...
ग्रेसी बस में बैठ कर सीधा अपने ऑफिस आ जाती हैं।
ग्रेसी यहां पार्ट टाइम जॉब करती थी , वैसे पढ़ाई के लिए तो स्कॉलरशिप मिलते थे बट अपना खर्चा निकालने के लिए ये जॉब करना उसे सही लगा.....
क्योंकी हर चीज के लिए वो अपने मासी पे डिपेंड नहीं रहना चाहती थी,,,,,
इसलिए वो ये जॉब करती हैं।
ग्रेसी ऑफिस पहूंच कर हमेशा की तरह बीना किसी से बात किए अपने काम में लग गई...
काम करते – करते कुछ दस या उससे जायदा कप चाय पी चुकी थी...
ग्रेसी का सबसे फेवरेट काम एक चाय पीने से सुकून मिलता था ,
दूसरा हेड फ़ोन से सॉन्ग सुनना जब भी वो परेशान होती तो इन्ही दो चीजों से उसे शांति मिलती थी!
ऑफिस में भी कभी भी कोई उसे कुछ नहीं कहता था क्योंकी उसके काम करने का तरीका ही इतना अच्छा था , छः महीने हो चुके थे उसे यहां जॉब करते हुए कभी किसी को कोई सिकायत का मौका नहीं दी थी!
अपना काम पूरा करने के बाद ग्रेसी घर के लिए निकल जाती हैं!
जैसी ही ऑटो मे बैठने को होती हैं , तभी प्रीती का कॉल आ जाता है.....!
कॉल उठाने लगती है की तभी एक लड़का ऑटो मे आकर बैठ जाता हैं।
ग्रेसी उसे घूरते 🙄हुए बोलती है ओ मिस्टर... ये ऑटो हमने रोकी है,,,, आप कोई और ऑटो ले लीजिए..
वो लड़का बीना उसकी तरफ देखे सॉरी मिस मुझे बहुत लेट हो रहा है,,,
आप कोई और ऑटो ले लीजिए प्लीज इतना बोल कर भईया आप,,,,,,(सिटी हॉस्पिटल) चलिए जल्दी।
इतना बोलते ही ऑटो निकल जाती हैं।
ग्रेसी अपने मन में बोलते हुए कमाल का पागल लड़का था.........🙄
और फिर ग्रेसी दूसरी ऑटो लेकर उसमे बैठते ही प्रीति को कॉल लगाती है और निकल जाती हैं।
प्रीती : कहां हों मैडम...?
ग्रेसी : तूझे क्या लगता हैं कहां होना चाहिए मुझे , आसमान में या धरती पर..?
प्रीती : आई मीन घर पहुंच गई या नहीं ये पूछ रही थी..
ग्रेसी : अभी नहीं अभी रास्ते में हू!
प्रीती : हम्मम बस यही पूछना था , घर पहुंच कर कॉल करना मुझे कुछ जरुरी बात करनी है।
ग्रेसी : ओके बाय!
प्रीती : बाय!
प्रीती मन में सोचते हुए क्या है..? महादेव कुछ लोगो की जिंदगी में इतनी खुशियां भर देते हैं आप की वो उन खुशियों को संभाल भी नहीं पाते हैं!
वहीं कुछ लोगो की जिंदगी में इतने गम की उनकी जिंदगी में खुशियों का दूर – दूर तक कोई नामोनिशान नहीं होता , ऐसा क्यों महादेव..?😔
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क्रमशा : जारी है..............✍🏻