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ग्रेसी किचन का काम निपटा कर वो भी अपने रूम में आती हैं।
फिर प्रीति को कॉल लगाती है.......
अब आगे...................
सिटी हॉस्पिटल
वो लड़का
थोडी देर ऐसी ही शांति से बैठा रहता है.......
थोडी देर बाद,,,,,,,,
फिर कुछ सोचते हुए गुस्से में हॉस्पिटल से निकल जाता हैं।
मयंक – आर्यन तू इधर ही रुक मैं आता हूं..... मयंक आर्यन को बोल कर उसके पिछे वो भी चला जाता है।
वो लड़का हॉस्पिटल के बाहर आकर.... कुछ सोचते हुए वहीं रुक जाता हैं..... मयंक भी उसके पिछे ही आया था....तो उसे रोहन के बारे में बताना शुरू करता है।
गौरव तूझे पता है,,,ना समायरा के भाई ने आज भी भईया को मरवाने की पूरी कोशिश की पर वो तो अच्छा था आर्यन आज भईया के साथ ही था...
गौरव कुछ नहीं बोलता बस चुप चाप सुन रहा था।
गौरव कुछ तो बोल..?
वैसे मुझे लगता हैं भईया को कुछ दिन के लिए यहां से घर भेज देना चाहिए.... तब तक हम इसका कुछ इंतजाम कर लेंगे,,,, अगर भईया यहां रहे तो उनके जान का खतरा हमेशा बना रहेगा समझ रहा है न तू मैं क्या बोल रहा हूं।
गौरव : हम्म्म!
गौरव बस इतना ही बोलता है।
मयंक – ठीक है चल अभी तू अपना मूड ठीक कर ले अभी तो तुझे भईया को भी तो देखना है,,,,,,
चल अब अंदर चल....
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ग्रेसी का घर –
ग्रेसी प्रीति को कॉल लगाती है.......
इक ही रिंग में प्रीति कॉल उठा लेती हैं , जैसे उसके कॉल का ही वेट कर रही थी।
प्रीती : अभी टाइम मिला है क्या मैडम लगभग गुस्से में बोलती है....
ग्रेसी : अरे यार अभी तुरंत फ्री हुई तो कॉल किया,,, बता क्या बात करनी थी..
प्रीति : कुछ नहीं वो मै बोल रही थी...... इतना बोलती ही प्रीति मन में सोचते हुए बोलती है अगर मैंने इससे कुछ भी कह तो फिर से ये गुस्सा हो जायेगी..
ग्रेसी : अरे अब बोलोगी भी की सामने भूत देख लिया है जो चुप हो गई...
प्रीति : तब सोच से बाहर आते हुए अरे हां वो मै पूछ रही थी कल कॉलेज आ रही है ना तू..?
ग्रेसी : बस यहीं बोलना था तुमको..???
प्रीति : हम्म!
ग्रेसी : अच्छा !
पता है आज क्या हुआ... जब मै ऑफिस से शाम को घर आ रही थी।
प्रीति : बहुत एक्साइटेड हो कर बोलती है क्या..?
बता जल्दी.....
ग्रेसी : वो शाम को आते समय मैंने ऑटो रोकी और उस ऑटो मै जैसी ही बैठने को हुई तो तेरा कॉल आ गया तो कॉल उठाने के चक्कर में मेरी रोकी हुई ऑटो मे एक लड़का आ कर बैठ गया और तो और मैंने उसे मना किया तो वो तुरंत ऑटो वाले को बोल कर चला गया बहुत अजीब था यार......
प्रीति : तुम उसका फेश देखी थी..?
ग्रेसी : पागल है क्या मै उसका फेश क्या करूंगी देख कर होगा कोई पागल...
प्रीति : फिर तुम क्यों उसके बारे में इतना सोच रही हो,,, अगर तूने उसे देखा ही नहीं तो.
ग्रेसी : हम्म्म! चेहरा तो नहीं देखा पर उसकी आवाज से एक बार मुझे लगा सायद वो बहुत परेशान था!
प्रीति : हैरान होते हुए ओय होय ये क्या मै सुन रही हूं...?
तू और इक अनजान लड़के के बारे में इतना सोच रही है जिसे तूने देखा तक भी नहीं है...???
क्या बात है मैडम बोलो बोलो..
कहीं ये तुम्हारा वो.... इतना बोलती है तभी
ग्रेसी : ओय बंद कर अपने ख्याली पुलाव पकाना चल मैं अब फ़ोन रखती हूं....
प्रीति : हम्मम! पता था तू यहीं बोलने वाली है,,,,अच्छा एक बात बता अगर कोई सच में तेरी जिंदगी में आ गया तो..?
ग्रेसी : थोड़े गुस्से में बोलती है मुझे मेरी लाइफ में कोई भी नया एडवेंचर नहीं चाहिए समझी तू..!
चल बाय...
प्रीति : हम्मम बाय!
प्रीति समझ जाती है। आगे कुछ ना बोलना ही उसे सही लगता हैं।
ग्रेसी खुद में सोचते हुए डर सा लगता हैं कोई नए एडवेंचर के नाम से भी,,,,,, मेरी लाइफ में किसी भी नए एडवेंचर के लिए कोई जगह नहीं है!
ना है, ना आगे कभी होगा....!!
इधर ग्रेसी को अपने जिंदगी में किसी की कोई जरुरत नहीं थी....
इधर ग्रेसी की जिंदगी में,,,,, पहले से ही उसकी जिंदगी कुछ नया प्लान तैयार किए बैठी थी।।।
जहां ग्रेसी को अपने लाइफ में किसी के रूल कोई मायने नहीं रखते थे........... वहीं ग्रेसी की पूरी जिंदगी के रूल बदलने वाले थे।।।
तो देखते हैं नेक्स्ट पार्ट में ग्रेसी की जिंदगी का नया मोड़....................
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क्रमश: जारी है..............