इक तलाश सुकुन की...
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बहुत खूबसूरत लिखा है आपने
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खामोशियां.............................🖤ना जाने क्यों ए सुकून मुझे तेरी तलाश है,माना करोड़ पल है इस जिंदगी से सुकून के,पर तेरे साथ बीताया जोएक–एक पल उन करोड़ों से खास है,जो भी मिला वो हम से खफा मिला&n
================================नोट :: इस कहानी का किसी भी व्यक्ति या स्थान से कोई संबंध नहीं है|||||इस कहानी को किसी भी व्यक्ति या स्थान से ना जोड़े..........ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है.........
_____________________________________________________________▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️आज फिर ग्रेसी बिना किसी से कुछ बोले चुप चाप अपने कॉलेज को निकल जाती हैं।अब आगे.....................इस भाग दौड़ की जिंदगी में
_________________________________________________________◽◽◽◽◽◽◽◽◽ग्रेसी और प्रीति ने अपनी क्लास अटेंड की और दोनो कॉलेज से निकल गई.....अब आगे................प्रीति : चल ना यार रामदीन काका के दुकान के
_______________________________________________________◽◽◽◽◽◽◽◽◽◽प्रीती मन में सोचते हुए क्या है..? महादेव कुछ लोगो की जिंदगी में इतनी खुशियां भर देते हैं आप की वो उन खुशियों को संभाल भी नहीं पाते हैं
______________________________________________________________✴️✴️✴️✴️✴️✴️<div><br></div><div>ग्रेसी किचन का काम निपटा कर वो भी अपने रूम में आती हैं।</div><div>फिर प्रीति को कॉल लगाती है.......</div><