_____________________________________________________________▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️
आज फिर ग्रेसी बिना किसी से कुछ बोले चुप चाप अपने कॉलेज को निकल जाती हैं।
अब आगे.....................
इस भाग दौड़ की जिंदगी में किसी को दो पल की चैन सायद ही हो.....
सुबह हुआ नही की सब अपने – अपने काम पर निकल पड़ते हैं..!
ऐसे ही भीड़ – भाड़ से निकलते हमारी ग्रेसी बस स्टैंड तक पहुंचती हैं।
जहां सब बस के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे...... कोई बार – बार घड़ी देख रहा है।
तो किसी की रास्ते पर निगाहें टिकी हुई थी.....
तो वही भीड़ में.......
( लाइट ग्रीन पैंट उस पर यलो टॉप पहने हुए थे बाल खुले हुए कानो में हैड फोन लगाए अपनी निगाहे मोबाइल फोन पर टिकाए हुई )
खड़ी ग्रेसी इन सब से बेखबर जैसे उसे कहीं जाने की कोई जल्दी नहीं थी.........
तभी बस आ कर वहा रुकी जिसको जहां जाना था.... जल्दी – जल्दी से सब बस में चढ़े वही ग्रेसी आराम से अपना फोन बंद की और अपना फ़ोन बैग में डाली और सबसे लास्ट मे बस में चढ़ी और लास्ट वाली सीट पर बिंडो के बगल बैठती हैं।
फिर अपने बैग से फोन निकाल हैड फोन को फोन से कनेक्ट कर अपनी आंखे बंद कर सॉन्ग सुनने लगती हैं..या ये कहें खुद को अकेले रखने की कोशिश करती हैं।
थोडी देर बाद बस आ कर कॉलेज के पास आ रुकी और वो उतर गईं........
और सीधा अपने क्लास की तरफ बढ़ जाती हैं।
ना किसी से मतलब ना किसी से मिलना सीधा अपने क्लास रूम में जाती हैं।
तभी पिछे से कोई आवाज देता है।
ओए मैडम रुक जा ना मै भी आ रही हूं.....
ये प्रीति थी ग्रेसी की एकलौती फ्रैंड..😍
प्रीति : आ गई मैडम..?🙄
ग्रेसी : नहीं अभी मेरा भूत खड़ा है क्या.?तेरे सामने..🤔
प्रीति : यार तू हमेशा उल्टे जवाब क्यों देती हैं कभी तो सीधा जवाब दिया कर थोड़ा सा मुंह बना कर प्रीति बोलती है...😟
ग्रेसी : तू सीधा सवाल करती कब है..?🙄
प्रीति : हां भाई इक तुम्हे छोड़ कर बाकी की पुरी दुनिया उल्टी है...
पता नहीं तू हमेशा किस दुनिया में रहती है।😤
ग्रेसी : आज का लेक्चर हो गए ना तेरे 🙄तो बाकी का कल के लिए बचा कर रख...
और चुप 🤫चाप से चल क्लास में क्लास के लिए लेट हो रहा है।
ये हैं..... हमारी ग्रेसी
age –19 year
रंग – गोरा
देखने में बहुत ही सुंदर...😍
स्वभाव से शांत!
बचपन में ही ग्रेसी को उसके मां – पापा इस दुनिया को छोड़ कर चले गए तब ग्रेसी बस पांच साल की थी.. फिर उसके नाना –नानी ने ग्रेसी को अपने पास ही रखना सही लगा , पर ग्रेसी की मामी को ग्रेसी बिल्कुल भी पसंद नहीं थी!
उसे पढ़ने भी नहीं देती थी , इस वजह से ग्रेसी की मासी उसे अपने साथ ले आई ,
तब से ग्रेसी अपनी मासी के घर पर ही रहती हैं।
उसका सिर्फ एक ही मकसद है , पढ़ लिख कर
अपने मां – पापा का सपना पूरा करना!
इसलिए किसी से कोई मतलब नही रखती हैं
अपनी पढ़ाई पे पूरा ध्यान देती हैं।
या ये कहो खुद से भी मतलब नहीं बस अपनी पढ़ाई की दुनिया के अलावा इसे कुछ नहीं दिखता....
ना जायदा किसी से बात करती ना जल्दी किसी को दोस्त बनाती , बस एक प्रीति ही है जो इसकी इकलौती दोस्त हैं।
प्रीति भी बस थोड़ा बहुत ही जानती थी , जायदा वो भी नहीं जान पाई थी।
ग्रेसी खुद मे ही उलझी हुई सी एक पहेली थी ,
या ये कहें एक गहरा समंदर थी ,
जिसकी गहराई नापना हर किसी के बस में नहीं था।
शायद कोई नहीं समझ सकता था , उसे देख कर बाहर से कुछ और , और उसके अंदर क्या चल रहा था कोई समझ नहीं पाता था।
हां एक बात थी गुस्से की तो बात ही ना करें हमेशा नाक पर रहता है।
ग्रेसी और प्रीति ने अपनी क्लास अटेंड की और दोनो कॉलेज से निकल गई......
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
क्रमशा : जारी है..............✍🏻