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वर्ण विचार

14 अक्टूबर 2022

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संस्कृत में कुल वर्ण 46 होते हैं
जिनको संस्कृत में षष्ठचत्वारित कहते हैं
   वर्ण दो प्रकार के होते हैं
 (१) स्वर (अच् )
 (२) व्यंजन (हल्) 
      (१) स्वर 
            स्वर दो प्रकार के होते हैं
            हस्व ( आ इ ई ऋ् लृ) 
             दीर्घ ( आ  ई ऊ ऋ  ए ऐ ओ औ )
     स्वर: त्रयोदश अस्ति )
(२)   व्यंजन
     व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं
     (१) स्पर्श व्यंजन (२) अंतस्थ व्यंजन (३) उष्म व्यंजन
 (१) स्पर्श व्यंजन
    क् ख् ग् घ् ड् 
    च् छ् ज् झ् ञ्
     ट् ठ् ड् ढ् ण् 
      त् थ् द् ध् न् 
      प् फ् ब् भ् म् 
(स्पर्श व्यंजन कुल 25 होते हैं)
        पंचविशति
  (२) अंतस्थ व्यंजन
       य् व् र् ल् 
 (अंतस्थ व्यंजन चार होते हैं)
      चत्वार:
 (३) उष्म व्यंजन
         श् ष् स् ह् 
       (उष्म व्यंजन चार होते हैं)
        ‌‌      चत्वार
  
Tara Chand Meena

Tara Chand Meena

संस्कृत की हर जानकारी को लोगों तक पहुंचाने का कार्य

14 अक्टूबर 2022

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संस्कृत व्याकरण
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व्याकरण वि आ( उपसर्ग) + कृ(धातु) + ल्युट(प्रत्यय) वि आ + कर् (गुण संधि होने पर) + यु (युवारनाकोसूत्र) व् इ(यण संधि) आ + कर् + अन (शेष) व् य् आ +कर् + अन् व्याकरण (इतिसिध्दम्) विशेष = र् , ष् ,ऋ् , यदि इन शब्दों के बाद न आएगा तो उसका ण आदेश हो जाता है

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