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ये भी कितना सही है की । ना तो वक्त हमारे लिए रूकता है और ना हि वक्त के लिए हम रुकते है जमाना बदलता है बदलना ही तो फितरत है सदियां आती है चली जाती है यही तो नियत है दिगर सी बात है अगर दुनियां