मनुष्य नहीं पैदा होता, एक समस्या पैदा होती है। हमारे शरीर में ही समस्या बैठी हुई है। और उसका उत्तर नहीं मिल रहा तो बाकी सब उत्तर व्यर्थ हैं। उपनिषद् उस मूल समस्या का समधान करते हैं जिसको अगर काट दिया तो बाकी सब समस्याएँ अपने आप ठीक हो जाती हैं। जानें वेदान्त का सार आचार्य प्रशांत की पुस्तक 'वेदान्त' से।
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