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वेदना की कसौटी ✍️

8 फरवरी 2023

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  • सादर नमन 🙏

  • वेदनाओ की कसौटी पर जब यह मन बिखरता है
  • निखर के आती हूं रोज मै !
  • सच
  • ही तो है दर्द से मन सवंरता है!
  • है तल्ख़ियों  का अपना मजा 
  • जख्म हर रोज एक नए जख्म सिलता है!
  • जिक्र होगा जब भी महफिलों में कभी
  • शायरी बनकर ठहर जाऊंगी!
  • दाद होगी उनकी
  • और दर्द बन मुस्कुराउगी!

  • स्वरचित वंदना कसेरा ✍️article-image

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा आपने बहन 👌 आप मेरी कहानी पढ़कर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

13 अगस्त 2023

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रचनाएँ
वेदना की कसौटी!
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इस काव्य संग्रह में मैंने स्त्री के अंतर्मन में चलने वाली व्यथा को लिखने की कोशिश की है! जिसे चाह कर भी वह स्त्री किसी से बता नहीं सकती!

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