आज के समय में महिलाओं की दशा काफी चिंताजनक है, क्योंकि जितना खुलापन आज के दौर में महिलाओं में देखने को मिल रहा है उतनी ही वारदातें उनमें हो रही हैं। सबसे ज्यादा पर्दा मुस्लिम धर्म में होता है और ये बहुत पुरानी प्रथा है जो आज तक चल रही है। मगर विदेशी लड़कियों में खुलापन आज से नहीं बल्कि उस समय से है
भारतीय दंड संहिता का सेक्शन 377, जिसके अंतर्गत आपसी सहमति से बने समलैंगिक संबंध आपराधिक थे, अब आपराधिक नहीं रहेंगे. 6 सिंतबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के जीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि Homosexuality या समलैंगिकता अपराध नहीं है.दीपक मिश्रा के शब्द
पिछले दिनों एक यूरोपियन महिला का हमारे घर आना हुआ. उन्होंने सुबह 11 बजे होटल का भुगतान कर दिया था और सामान समेट कर होटल मैनेजर के पास जमा कर दिया था. पर वापसी फ्लाइट के लिए एयरपोर्ट रात 11 बजे पहुंचना था. अब लगातार होटल लॉबी में अकेले बैठना भी मुश्किल काम था और टीवी देखना