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विधि विधान

5 अप्रैल 2022

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 *श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे; फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ, न ही राज्याभिषेक*

और जब मुनि वशिष्ठ से इसका उत्तर मांगा गया, तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया -

*सुनहु भरत भावी प्रबल,*
*बिलखि कहेहूं मुनिनाथ!*
*हानि लाभ, जीवन मरण,*
*यश अपयश विधि हाथ!!*

*अर्थात - जो विधि ने निर्धारित किया है, वही होकर रहेगा*!

न राम के जीवन को बदला जा सका, न कृष्ण के!

न ही महादेव शिव जी सती की मृत्यु को टाल सके, जबकि महामृत्युंजय मंत्र उन्हीं का आवाहन करता है!

 *मानव अपने जन्म के साथ ही जीवन, मरण, यश, अपयश, लाभ, हानि, स्वास्थ्य, बीमारी, देह, रंग, परिवार, समाज, देश-स्थान सब पहले से ही निर्धारित करके आता है!*

*इस लिए सरल रहें, सहज, मन, वचन और कर्म से सद्कर्म में लीन रहें..!!*

सदैव जपें एवं ख़ुश रहें- 

*"हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे|*
    *हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे॥"*
हरे कृष्ण! सुप्रभातं!!🙏🙏

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