2 जनवरी 2022
इस जहान में सब कुछ मिट्टी है,यह कहीं रोड़ी है कहीं गिट्टी है....यही जीवन के रीड की हड्डी है,यहां सब कुछ मिट्टी हैं...
30 दिसम्बर 2021
डूबता हुआ सूरज दे जाता है संध्या की लाली,&n
उगते मुस्कराते सूरज ने कहा , दिन रात जलता हूं मैं आग सा ,सिर्फ जलना