प्रकृति के तत्वों से बना है शरीर जिसका आधर ही पंच तत्व है देखा जाए तो इन पाँच मुख्य तत्वो के आलावा और भी तत्व है जो इन तत्वों के ही दूसरे रूप है जैसे जल तत्व का दूसरा रूप है बर्फ जैसे आग से बनी है राख या आग की तरह जलता सूरज जैसे आकाश का अंग है बादल जो जल तत्व से बना है जैसे वायु मे गैसे जैसे आग से बना ज्वालामुखी जो ठंडा हो कर मिट्टी का स्वरुप चट्टान बन जाता है मैं अपने नजरिए के अनुसार इन्हें तत्वो के उपतत्व कहती हूँ और वास्तव में इन उपतत्वो के बिना भी जीवन उतना ही असंभव है जितना पंच तत्वों के बिना। मेरा ये संकलन जीवन के आधर पंच तत्व और उनके उपतत्वो पर आधारित कविताओं का है आप सब जरूर पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देवें हर दिन शाम 07:00 पर इस संकलन मे नयी कविता शेयर की जाएगी ☺️🙏
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