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विजय प्रताप कुशवाहा "संगम" के बारे में

"कुछ कर गुजरने का नाम ही जिंदगी है" मैं "परम ज्ञानी महात्मा बुद्ध जी" के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव जिंदा छपरा से हूं, कोई प्रोफेशनल कवि या लेखक नहीं हूं। बस अपनी कल्पनाओं को अपने शब्द-मालाओं में पिरो कर आपके समक्ष रखने की कोशिश करता हूं। प्रतिलिपि द्वारा सम्मानित रचना → ०१- सरहद से पत्र ०२- तमन्ना

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