शहज़ादा -उर्दू अफ़साना – कृष्ण चन्द्र
शहज़ादा
कृष्ण चन्द्र
सुधा ख़ूबसूरत थी ना बदसूरत, बस मामूली सी लड़की थी। सांवली रंगत, साफ़ सुथरे हाथ पांव, मिज़ाज की ठंडी मगर घरेलू, खाने पकाने में होशयार, सीने पिरोने में ताक़, पढ़ने लिखने की शौक़ीन, मगर ना ख़ूबसूरत थी ना अमीर, ना चंचल, दिल को लुभाने वाली कोई बात उस में ना थी। बस वो तो एक बेहद शर्मीली