योग आसन के बारे में जानकारी योग आसन विधि और लाभ कब करना चाहिए और कब नहीं योग अपनाएं और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाइए योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करे
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संस्कृंत में ‘सिंह’ का अर्थ होता है ‘शेर’।इस आसन का मतलब होता है शेर आसन या Lion Pose। इस आसन को सिंहासन इसलिए कहते हैं क्योंकि बाहर निकली हुई जीभ के साथ चेहरा दहाड़ते हुए शेर की भयंकर छवि को दर्शाता
कूर्मासन संस्कृत के दो शब्दो से बना है कूर्म +आसन जिसमे कुर्म काअर्थ होता है कछुआ। इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की आकृति कछुए के समान बन जाती है इसीलिए इसे कुर्मासन कहते हैं। उत्तान कूर्मासन: एक क
संस्कृत में कुक्कुट का अर्थ मुर्गा होता है। इस आसन में शरीर मुर्गे की आकृति के समान लगता है, इसीलिए इसे कुक्कुटासन का नाम दिया गया है। यह आसन शरीर के संतुलन लिए बहुत अच्छा है। यह कन्धा, बांह, कोहनी इत
उत्कटासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- उत्कट(शक्तिशाली) और आसन(मुद्रा)। उत्कटासन खड़े होकर किया जाने वाला योगासन है जो आपके शरीर को टोन करने में मदद करता है और मसल्स को मजबूत करता है। कुर
गुप्तासन: यौन रोगो में लाभदायक :जानिये इस योग के और फायदे और कायदे‘गुप्त’ का अर्थ होता है गोपनीय या छिपा हुआ। यह आसन यौन विकारों से संबंधित कई प्रकार की समस्याओं में लाभकारी होता है, इसीलिए इसे
फलकासन दो शब्दों से मिलकर बना है।फलक का अर्थ लकड़ी का तख्ता होता है जबकि दूसरे शब्द आसन का अर्थ बैठना होता है। इस आसन को करने के दौरान शरीर लकड़ी के तख्ते की तरह ही सीधा और सख्त रखना होता है। फल
संस्कृत में कमर को कटि कहते है कटिचक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -कटि जिसका अर्थ होता है कमर और चक्र जिसका अर्थ होता है पहिया।इस आसन में कमर को दाईं और बाईं ओर मरोड़ना अर्थात् घुमाना होता है। ऐसा करते स
बुद्ध कोणासन: मूत्र व यौन रोग के लिए श्रेष्ट आसन :जानिये इस योग के और फायदे और कायदेहम लोग गर्म खून वाले जीवित प्राणी हैं लेकिन बाहरी तापमान ज्यादा होने के बावजूद भी हम अपने शरीर के तापमान को 37
सुप्त बन्ध कोणासन: बन्ध कोणासन का एडवांस आसन :जानिये इस योग के फायदे और कायदहम भारतीय मानसून के लिए बहुत सम्मान महसूस करते हैं। यह हमारे लिए सिर्फ एक मौसम नहीं है बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा अहमि
वक्रासन : मधुमेह के लिए उत्तम आसन ,जानिए योग के कायदे और फायदे हिंदी के वक्र शब्द से लिया गया है वक्र का अर्थ होता है मुड़ा हुआ या "टेढ़ा" वक्रासन करते समय हमारी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती
प्रणाम आसन : सबसे आसान आसनों में एक :जानिये इसके लाभ प्रणाम आसन को सूर्य नमस्कार का सबसे पहला आसन है। इस आसन को उठते ही सबसे पहले करना चाहिए। प्रणाम की मुद्रा विनम्रता का सूचक होती है. प्रण
हस्त पादासन: पेट के रोगो को खत्म करने वाला आसन जानिये इस योग के कायदे और फायदेहस्तपादासन एक योग है | जो की तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त + पद + आसन इन तीनों का अर्थ होता है हस्त = हाथ , पद = प
उत्तानपादासन : पेट की चर्बी कम करने का आसान आसन ,जानिये इसके कायदे और फायदेयह 3 शब्दो से मिल कर बना है उत्तान का अर्थ है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव और आसन का अर्थ योग । इस आसन में पीठ के
कोणासन: मांसपेशियां को मजबूती देने वाले इस योग के जानिये और फायदे और कायदेकोनासन दो शब्दो से मिलकर बना है कोण का मतलब कोण सरीखी आकृति और आसन का मतलब योग है । इस योग में शरीर को कोण ज
हास्य योग : मिलेगा सेहतमंद मन एवं स्वस्थ तन जाने ओर क्या है फायदेहँसते हुए रहना एक बहुत अच्छी आदत होती है पर अगर आप हंसने की कला को योगा के रूप में अपने जीवन में अपना ले तो इससे अच्छी और कोई बात
जानू घुटने को कहते हैं। क्रम से घुटनों को मोड़ने और सीधा करने को जानू नमन कहते हैं। जानू नमन आसन में अंग संचालन (सूक्ष्म व्यायाम) के अंतर्गत आता है।ढलती उम्र में व्यक्ति को जोड़ों से संबंधित रोग होने
इस आसन में हाथ एक दूसरे में गूंथ लिए जाते हैं और छाती के सामने इस प्रकार रखे जाते हैं, जैसे गरुड़ की चोंच होती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहा जाता है। गरुड़ासन योग खड़े होकर करने वाले योग में एक महत्व
इस आसन का नाम गर्भासन है गर्भ का अर्थ होता है कोख। इस आसन के अंतिम मुद्रा में शरीर भ्रूण का रूप ले लेता है, इसीलिए इसे गर्भासन कहते हैं। यह आसन स्वस्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है खासकर स्त्रियों के लिए
भाग प्रथम वरुण मुद्रामुद्रा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ हावभाव (attitude) है। प्राचीन काल में साधु संत शरीर के अंदर मौजूद पांच तत्व हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को संतुलित रखने के लिए योग मुद्रा
द्वितीय भाग ज्ञान मुद्रामुद्रा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ हावभाव (attitude) है। प्राचीन काल में साधु संत शरीर के अंदर मौजूद पांच तत्व हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को संतुलित रखने के लिए योग मुद
तृतीय भाग वायु मुद्रापिछले अंक में हमने हस्त मुद्राओं के विभिन्न प्रकार बताकर जल (वरुण ) मुद्रा और ज्ञान मुद्रा के बारे में विस्तार से बताया। इन योग मुद्राओं को करने का तरीका महत्व और लाभों को भी बताय
चतुर्थ भाग : शून्य योग मुद्रापिछले अंक में हमने हस्त मुद्राओं के विभिन्न प्रकार बताकर जल (वरुण ) मुद्रा ज्ञान मुद्रा और वायु मुद्रा प्राण मुद्रा के बारे में विस्तार से बताया। इन योग मुद्राओं को करने क
जैसा की हम सबको विदित है की विभिन्न बीमारियों में योगासन रोगों को ठीक करने या रोगों से होने वाले कष्टों से आराम दिलाने में सहायक होते हैं।लेकिन यह भी सच है की हर बीमारी में हर एक योगासन नहीं किया जा स
पिछले अंक में हमने हस्त मुद्राओं के विभिन्न प्रकार बताकर जल (वरुण ) मुद्रा ज्ञान मुद्रा वायु मुद्रा और शून्य मुद्रा के बारे में विस्तार से बताया। इन योग मुद्राओं को करने का तरीका महत्व और लाभों को भी
सूर्य योग मुद्रा : वजन को नियंत्रित करने और ऊर्जा को बढ़ाने के लीये जानिये योग मुद्रा की विधि और लाभों कोषष्टम भाग : सूर्य मुद्रायोग मुद्रा एक प्राचीन तकनीक है जिसका अभ्यास हम प्राणायाम और मेडिटेशन के
सूर्य नमस्कार :सुंदर जीवन पाने के लिए करें नियमित योगाभ्यास : जानिये सूर्य नमस्कार के लाभ और वर्जनाएंआजकल कि दौड़ भाग भारी जिंदगी में सेहत और शांति दोनों जैसे दूर जा चूकी है .पर नियमित योग से खोई हुई श
सूर्य नमस्कार : एक आमजन मे प्रसिद्ध आसन : जानिए सूर्य नमस्कार के 12 चरण और उनके लाभभाग द्वितीयसंलग्न चित्र निरूपण सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा इनके होने की संभा
सुप्त वज्रासन : प्रजनन और रीढ़ कि हड्डी का प्रमुख आसन जानिये इसके और फायदे और कायदेसुप्त वज्रासनसुप्त वज्रासन एक संस्कृत का शब्द हैं जो कि दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “सुप्त” का अर्थ “झु
योग मुद्रा : जानिये योग हेतु योग मुद्रा का महत्व और मुद्रा के तरीकेजानिए - चिन मुद्रा, चिन्मय मुद्रा, आदि मुद्रा, ब्रह्म मुद्रा के बारे मेंयोग, आराम व शांति के लिए विभिन्न शरीर विन्यास और सांसो की तकन
पद्म पर्वतासन :एक विशेष योगासन कूल्हों क़ी मजबूती और संतुलन के लिए जानिये इसकी विधि और फायदेयह आसन दो आसनों का मिलाजुला रूप है। बैठकर किए जाने वाले आसनों में पद्मासन और खड़े होकर किए जाने वाले पर
बद्ध पद्मासन : पद्मासन का एडवांस रूप खासतौर पर रीढ़हड्डी के लिए जानिए इस योग के कायदे फायदेबद्ध पद्मासन संस्कृत का एक शब्द हैं जिसमें ‘बद्ध’ का अर्थ ‘बाध्य या बंद’ हैं और ‘पद्मा’ का अर्थ ‘कमल का
पद्म लोलासन: पंजे और हाथ क़ी मजबूती का एडवांस योग :जानिये इसके और फायदे व कायदे इस योग का नाम दो शब्दो से मिलकर बना है जहां लोलासन हिंडोले अर्थात झूले के प्रयुक्त होता है । बैठकर किए जाने व
वृषभासन: आकर्षक तन पाने के लिए करें योग जानिये इस योग क़ी विधि और फायदेवृषभ का अर्थ बैल से है। यह भगवान शिव का वाहन एवं प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की मूर्ति के नीचे शिलापट्ट पर अंकित किया जाने वाला प
तडागी मुद्रा : पेट के उपचार का विशेष योग जानिये इसके और लाभ व योग विधितड़ाग का अर्थ होता है –तालाब, अर्थात जैसे तालाब में पानी होता है उसी प्रकार से पेट को वायु से भरने की क्रिया को तड़ागी मुद्रा
निरालम्बासन : संपूर्ण शरीर का एडवांस योग :जानिये इसके कायदे और फायदे निरालम्बासन मुख्यतः 3 शब्दो से मिलकर बना है जिसकी संधि विच्छेद से निः +आलम्ब जिसका अर्थ है बिना आलम्ब का य़ा बिना सहारे का आसन
जानू शीर्षासन : चिन्तामुक्ति और पेट को टोन करें जानिये इस योग के लाभ और विधियह आसन दो आसनों का संयोग है । संस्कृत में घुटने को जानू कहते है और सिर को झुकाने क़ी और घुटने से लगाये क्रिया जानू शीर्षासन
अधोमुख वृक्षासन : शरीर को लचीला बनाने का आसन जानिये इस योग के लाभ और विधिजैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट हो जाता है क़ी यह आसन अधोमुख अर्थात शरीर को उल्टा करके वृक्ष आसन किया जाता है। योग का एक उन्नत
अधोमुख श्वानासन : जानिए योग क़ी इस विधि के लाभ, तरीका व सावधानियां अधोमुख स्वान आसन एक कुत्ते (श्वान / स्वान) की तरह सामने की ओर झुकने का प्रतिकात्मक है इसलिए इसे अधोमुख स्वान आसन कहते हैं।
उदर आकर्षण आसन : बढ़े पेट को कम कर संतुलित रूप से आकर्षक बनाने का आसन, जानिए इसके अन्य लाभ व विधिप्रत्येक व्यक्ति की इच्छा अपने आप को सुंदरतम व आकर्षक दिखने की होती है। पर व्यस्त जीवन और खानपान क
तिर्यक भुजंगासन : आंतों व रीढ़ की हड्डी के लिए लाभकारी आसन जानिये इस की विधि तथा लाभ और सावधानियांयह तीन शब्दों से मिलकर बना है तिर्यक भुजंग और आसन । तिर्यक का अर्थ होता है क्षेतिज, हमारी दृष्
अधोमुख मकर शवासन :पेट की चर्बी दूर करे और जानिये इसके फायदे और कायदेजो लोग अपने शरीर को मजबूत और अपने निचले पेट की चर्बी को घटाना चाहते हैं वह इस आसन को अवश्य करें। इस आसन को करने में शरीर में
तितली आसन : जननेंद्रियो की परेशानियों व महिलाओं के लिए खास आसन, जानिए इसके लाभ व विधिइसमें दोनों पावों के तलवों को जननांगों के पास तथा घुटनो को हाथों की मदद से पकड़ कर एक विशेष कोण में साथ रखा जा
मरीच्यासन : शरीर की अकड़न को दूर करने वाला आसन जानिए इस योग का तरीका, फायदे और सावधानियांमरीच्यासन ऋषि मरीचि के नाम पर रखा गया है। योगासन एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिये कमर दर्द को आसानी से द
क्रोंचासन : शरीर को हल्का बना फिट रखने के लिए बना संपूर्णासन, जानिए इसके और फायदे और विधिक्रोंचासन शब्द संस्कृत भाषा के शब्द क्रोंच से बना हुआ है जिसका अर्थ सारस होता है। अंग्रेजी में इस आसन को
परिवृत्त पार्श्वकोणासन : योगियों द्वारा किया जाने वाला विशेष आसन, शरीर को निचोड़ देने वाले इस आसन के जानिए और लाभ व विधिपरिवृत्त पार्श्वकोणासन (Parivrtta Parsvakonasana), संस्कृत भाषा का शब्द है
प्रसारित पादोत्तानासन : एडवांस योग शारीरिक दक्षता बढ़ाने के लिए, जानिए योग का सही तरीका, फायदे और सावधानियांप्रसारित पादोत्तानासन, संस्कृत भाषा का शब्द है। ये शब्द चार शब्दों से मिलकर बना है। पह
अर्ध पद्म सर्वांगासन : सर्वांगासन का एडवांस रूप जानिये इस योग के लाभ और इसे करने क़ी विधिजैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट है ये आसन तीन आसनों को मिल कर बना है सर्वांगासन में जब पद्मासन लगाया जाए और उस
पद्म सर्वांगासन शरीर को लचीला बनाने वाले इस आसन का जानिये तरीका और लाभआमतौर पर जिन लोगों को सर्वांगासन का अभ्यास कठिन लगता है या वो इसे अच्छे से नहीं कर पाते वो पद्मा सर्वांगासन का अभ
जानू चक्रासन : घुटने के लिए उपयोगी आसन जानिये इसकी विधि और लाभसंस्कृत में घुटने को जानू कहते है और इस आसन का आशय
पद्म बकासन : शारीरिक व मानसिक संतुलन वाले इस योग के जानिये लाभ और विधिपद्म बकासन मूलतः पद्मासन और वकासन का मिलाजुला रूप है । यह आसन शारीरिक संतुलन के साथ साथ मानसिक संतुलन और शांति प्रदान करता ह
भू नमनासन : रीढ़ की हड्डी में लचीलापन व मजबूती का आसन जानिये इस योग के और फायदे और का सावधानियां जैसा क़ी नाम से ही स्पष्ट है भूनमनासन दो शब्दों से मिलकर बना है भू और नमन जिसमे भू अर्थात भू
एकपाद उत्तानासन: अस्थमा रोगियो को फायदों के साथ जानिये योग के अन्य लाभ और योग विधिएकपाद उत्तानासन को एक पैर पर खड़ी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है जो कि पेट तथा जंघा की मांसपेशियों को दुरूस्त
मर्कटासन : पीठ दर्द से मुक्ति का विशेष आसन जाने इसके और फायदे और विधिसंस्कृत में मर्कट का आशय बंदर होता है और इस आसन को बंदर आसन भी कहा जाता है यह आसन करते समय शरीर का आकार बंदर जैसा कर दियाजाता
तुलासन : 6 पैक्स बनाने वाले इस आसन के जानिए अन्य फायदे और योग विधितुलासन, संस्कृत भाषा का शब्द है। ये शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द तुला (Tola / Tula) का अर्थ तराजू या Scale से है। द
पद्म मयूरासन : पेट संबंधित सभी विकारों को दूर करने का उन्नत आसन जानिये इसके फायदे और कायदे मयूर मुद्रा में पद्म मयूरासन या कमल को पहले लोटस पोज ( पद्मासन ) मानकर किया जाता है और फिर मयूरासन या मय
*पद चालन क्रिया आसन : सहज योग जो पैरो की मांसपेशियों को मजबूत कर शक्ति दे जानिए इसके फायदे और कायदे*पदचालन क्रिया आसन जैसा कि नाम से स्पष्ट है पावो को चलाने की क्रिया करते हुए आसन। इस आसन में बैठ कर (
*उदर व्यायाम क्रिया : पेट को सुचारू और स्वस्थ रखने वाली योग क्रिया जानिए इसके और लाभ व विधि*प्रायः सभी योग शरीर को पुष्ट और मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाये जाने के लिए किए जाते है। विशेषत उदर के लिए
*हस्त करतल अंगुल क्रियायोग :सूक्ष्म आसन का एक रूप हाथों की एक्यूप्रेशर क्रियाएँ जानिए इसके फायदे और कायदे*सामान्यतः हम अपने शरीर को व्यायाम कर कर थकावट दूर कर चुस्त और निरोगी बनाने का पूर्ण प्रय
*हस्त बाहु कलाई संधि योग क्रियाए: हाथों बाहों को मजबूत व निरोगी रखने वाली इन क्रियाओं के जानिए लाभ और विधि*हाथों बाहों भुजाओं कलाइयों और पंजे सहित हाथ की अंगुलियों को पूर्ण व्यायाम व मजबूती के लिए की
कटिबंध प्रदेश, पीठ तथा मेरूदंड योग क्रियाएँ जानिए स्वस्थ लचीले मेरुदंड के लिए लाभदाय योग क्रियाछोटी और सूक्ष्म क्रियाए जो कभी भी कही भी बिना किसी खास औपचारिकताओं और बंधनो से प्रत्येक व्यक्ति द्वारा की
ग्रीवा गर्दन क्रिया योग : गरदन और गले की मांसपेशियों के लिए लाभदायक इस योग क्रिया की जानिए विधि व लाभमनुष्य का स्वास्थ्य सबसे बड़ी नियामत है उत्तम स्वास्थ्य हर काम मे विश्वास। साधारणतया तन में सर्वाधिक
कपाल मस्तिष्क सूक्ष्म क्रिया योग: सिर और मस्तिष्क के लिए लाभदायक इस योग की जाने और खूबियां व प्रक्रिया"दिनभर की भागदौड़ और रात्रिपुर्व अनावश्यक तनाव, नींद और आराम में कमी मस्तिष्क की अशांति का बड़ा कारण
नेत्र दृष्टि संवर्द्धन क्रिया योग : नेत्रशक्ति संबंधी क्रियाएं जो नेत्र विकार को दूर कर सक्षम दृष्टि प्रदान करे जानिए आपप्रत्येक मानव सभी प्राकृतिक सुखों का पूर्ण आनद तभी पा सकता है जबकि वह स्वस्थ है।
कर्ण मुख नासिका सूक्ष्म क्रिया योग : मुंह, दांत, नाक और श्रवण कान को स्वस्थ व बेहतर कार्यकुशलता के लिएवर्तमान दौड़ती जिंदगी में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो केमिकलयुक्त भोजन व फ़ास्ट फ़ूड, दूषित वातावरण
हृदय, वक्षस्थल और फुफ्फुस शक्ति संवर्धन क्रिया योग: हृदय और फेफड़ो की सामर्थ्यता बढ़ाने वाला क्रिया योगआज के इस युग मे श्वास भी शुद्ध नही तो खानपान भी शुद्ध नही। इम्युनिटी कमजोर हो रही है हृदय रोगों बढ़
योग अपनावे सुंदर जीवन पावे: जानिए योगाभ्यास और योग क्रियाओं के नियम और सावधानियाशारीरिक स्थिति हमेशा एक ही तरह नहीं रहती। परिवर्तित होती रहती है| बैठना, उठना, लेटना, दौड़ना, झुकना और सिकुडना आदि आसन ह
षष्ठ प्रक्षालयन क्रियाए : शरीर की अंदरूनी शुद्धि की जटिल पर सार्थक क्रियाए, जानिए आपशरीर का जितना बाहय (या बाहरी)रूप है, उससे अधिक उसका अंतर स्वरूप है | अंतर स्वरूप समस्याओं का जाल है | शरीर के बाहय र
शष्टकर्म धौति क्रियाएँ शरीर शुद्धि की सनातानी व प्राकृतिक क्रियाए जानिये इन्ही क्रियाओ का द्वितीय भागद्वितीय भागपिछले अंक में हमने षष्ठ कर्म क्रियाओं का प्रथम अद्द्याय जल नेति क्रिया को समझा। आज इन्
षष्टकर्म प्रक्षालयन क्रिया : वस्ति (एनिमा) क्रिया : पचित भोजन को मल द्वार द्वारा विसर्जित करने की क्रियातृतीय भागस्वास्थ्य की रक्षा में मल विसर्जन का महत्व अधिक है। जो खाना खाया जाता है उसका पचना तथा
षष्ठ कर्म प्रक्षालयन क्रियाएं: नौलि क्रियाएं, पेट की वायु को नियंत्रित कर स्वस्थ बनाने के लिएचतुर्थ भागनौलि क्रियाएँषष्ठ कर्म योग का चतुर्थ सोपान है नौलि क्रियाएँ , ये क्रियाए मुख्यतः वायु से संबंधित
षष्टकर्म प्रक्षालयन क्रिया कपालभाति और भस्त्रिका क्रिया, शरीर शुद्धि क्रिया का पंचम सोपानपंचम भागशरीर की शुद्धि में पिछले अंको में हमने शरीर के आंतरिक अंगों की शुद्धि अर्थात मुख, नासिका, मुह, ग्रीवा,
षष्टकर्म प्रक्षालयन क्रिया :त्राटक क्रिया, नेत्र विकार दूर कर नेत्र ज्योति बढ़ाने की क्रियाषष्टकर्म क्रिया का षष्ठम और अंतिम भागअब तक आपने षष्टकर्म प्रक्षालयन क्रियाओं के पांच भाग देखे आज प्रस्तुत है इ
उत्तम स्वास्थ्य और जीवन के लिए ध्यान योग: जानिए ध्यान योग के लाभ और विधिजीवन मे कई बार विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ये परिस्थितियां ही जीवन जीना सिखाती है और इन पर पार पाकर ही मनुष्य जीवन
उत्तम स्वास्थ्य और जीवन के लिए ध्यान योग, जानिए ध्यान योग के लाभ और कायदेद्वितीय भागस्वस्थ जीवन जीने और मानव जीवन की श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए एक परिपूर्ण और सार्थक जीवन शैली अपनाना आवश्यक है । ध्या
वायुयानासन :मन और तन पर नियंत्रण का पर्याय है ये आसन जानिए इसके अन्य फायदे और विधिजैसा कि नाम से ही आसन का रूप प्रतीत हो जाता है वायुयान याने हवाई जहाज़ है। इस आसन में शरीर की स्थिति वायुयान के रूप मे
ध्रुवासन : मानसिक सक्षमता और शारीरिक संतुलन का अदभुत आसन जानिए इसके लाभ और योग विधिजैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस आसन का नाम भक्त बालक ध्रुव के नाम पर रखा गया है इन्होंने इसी कठिन मुद्रा में खड़े
उत्तम स्वास्थ्य और नीवं के लिए ध्यान योग, जानिए ध्यान योग के लाभ और विधियांनासिका नियंत्रणचतुर्थ भागहम अब तक ध्यान योग के बारे में लगातार चर्चा कर रहे है। जीवन के लिए ध्यानयोग कितना महत्वपूर्ण है इसी
उत्तम स्वास्थ्य और जीवन के लिए ध्यान योग, जानिए ध्यान योग के लाभ और विधियांपंचम भागनेत्र नियंत्रणअब तक हमने ध्यान योग के तीन चरणों पर चर्चा की1 श्वास पर नियंत्रण2 ज्ञानेन्द्रियो पर नियंत्रण3 चरम सीमा
उत्तम स्वास्थ्य और जीवन जीने के लिए ध्यान योग, जानिए ध्यान योग के विभिन्न लाभ और इसकी विधिषष्ठम और अंतिम भागत्वचा (चर्म) नियंत्रणध्यान योग साधना के प्रमुख तीन चरण1 श्वास और मन पर नियंत्रण2 ज्ञानेन्द्र
उत्तम स्वास्थ्य और जीवन जीने के लिए ध्यान योग, जानिए ध्यान योग के विभिन्न चरण और इनके लाभ व विधियांसप्तम व अंतिम भाग- ध्यान योग चरम स्थितिस्वस्थ जीवन जीने और मानव जीवन की श्रेष्ठता सिद्ध करने के
योग की बंध क्रियाए, शरीर शुद्धि और व्याधि दुरुस्ती की इन क्रियाओं को जानिये आप भीहिंदी व संस्कृत शब्द बंध समानार्थक है। बंध का मतलब है बांधना या नियंत्रित करना। `बंध’ नामक इन यौगिक क्रियाओं के द्वारा
योग से रहे निरोग: जानिए उन योग क्रियाओं को जो व्याधि विशेष में लाभदायक है योग है विश्व के वैज्ञानिकों के साथ साथ सभी विशेषज्ञों ने यह स्वीकार किया है कि योगाभ्यास के द्वारा कई रोगों की चिकि
वातावनासन : ध्रुवासन का एडवांस रूप पैरो की मजबूती के लिए जानिए इस आसन की विधि और अन्य फायदेआज जानिए वातायनासन के बारे मेभारत में वातायन नाम के एक महान योगी हूआ करते थे, वे अपनी तपस्या भी इसी आसन
एकपाद प्रणामासन: संतुलन, सहजता और एकाग्रता का मिलाजुला आसन जानिए इसके और फायदे व कायदेसाधारणतया जो शुरुआत में योग करना चाहते है और जिनको योगाभ्यास में अत्यधिक खिंचाव से भी परहेज करना है वे इस यो
उत्थान हस्त पादांगुष्ठासन : एडवांस योग जो मानसिक और शारीरिक शांति संतुलन एकाग्रता और मजबूती देउत्तान हस्त पादंगुष्ठासन चार शब्दों से मिलकर बना है उत्तान, हस्त, पद और अंगुष्ठ। जिसमें उत्तान अर्था
विपरीत दण्डासन : कमर दर्द और जकड़न को दूर करने वाला योग जानिए इसके और लाभ व विधिदैनिक दिनचर्या में योग आवश्यक अंग बनता जा रहा है। योग में एक ही आसन के कई स्वरूप होते हैं जिनके अलग-अलग फायदे होते
चक्कीचालन आसन: खासतौर पर स्त्रियों को लाभप्रद योग जानिए इसके अन्य लाभ और विधिचक्कीचलनासन जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है चक्की= आटे को पीसने की एक मशीन + चलाना+ आसन अर्थात इस आसन में भारतीय गावों मे
त्रिविक्रमासन : हठयोग का एक आसन, सम्पूर्ण शरीर की मजबूती और लचीलेपन के लिए जानिए इसकी विधित्रिविक्रमासन या खड़े विभाजन हठ योग में एक स्थायी आसन है। चार भुजाधारी भगवान विष्णु का एक नाम त्रिवि
स्कंदासन : रीड की हड्डी व पैरों को मजबूती का आसन, जानिए इसके और फायदे और विधियह दो शब्दो से मिलकर बना है स्कंद +आसन। स्कंद का आशय विभिन्न अर्थों में शरीर व कार्तिकेय के साथ बाहर निकालना और ध्वस्
अश्व संचालनासन: शारीरिक पॉस्चर सुधारने का सर्वश्रेष्ठ आसन जानिए इसने अन्य लाभ व विधिअश्व संचालनासन एक संस्कृत भाषा का शब्द है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति घुड़सवार जैसी हो जाती है इसलिए इसको
जीवन को आनददायी बनाए योग, जानिए प्रत्येक योग के फायदेदिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे रोगों से बचने तथा उनके निवारण हेतु बिना खर्च, बिना किसी हानि के शरीर को स्वस्थ, मन को प्रसन्न और बुद्धि को निर्मल व
पक्षी क्रिया योग: महिलाओं व खास गर्भवती के लिए भी लाभदायक जानिए इस योग के अन्य लाभ व विधि"पक्षी क्रिया योगसन " योग में यह आसन पक्षियों की प्रेरणा से लिया गया है। इसी कारण यह पक्षी आसन के नाम से
समत्वासन: सामान्य आसन जो स्त्रियों और पुरुषों को मानसिक व शारीरिक दोनों प्रकार की मजबूती दे जानिए इसके फायदे और कायदेसमत्वासन जिसे संतुलनासन् भी कहते हैये आसन शरीर को शक्तिशाली बनाकर तनाव को दूर
पद्म चक्रासन : सम्पूर्ण कमर और पेट के लिए गुणकारी योग जानिये इसके अन्य लाभ और विधिवैसे तो सारे आसन अपने आप मे श्रेष्ठ है परंतु जब शरीर की स्थितिनुसार आसान आसन पर पूर्ण लाभ की बात हो तो पद्म चक्रासन सर
मेरुदंडासन : एडवांस योग की एक क्रिया सम्पूर्ण शरीर को लचकदार और स्वस्थ बनाए जानिए इसके और लाभ और विधिमेरुदंडासन शब्द संस्कृत भाषा से लिए गया है जो दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें पहला “मेरुदंड
नारी शक्ति और योग: नारियों को योग क्यो करना चाहिए और कब व कौनसे योग करना लाभदायक है जानिए आप भीअधिकतर भारतीय स्त्रियों में यह भावना प्रचलित है कि घरेलू काम काज से ही जब छुट्टी नहीं मिलती तो योगासन और
योग निंद्रा : योग की इस सूक्ष्य क्रिया की जानिए विधि और लाभयोग निद्रा शरीर और मन को पूर्ण आराम देनेवाली पुरानी भारतीय योग क्रिया है। गत कुछ शताब्दियों से इस क्रिया पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका पुनरुद्
प्रतिदिन करे ये आसान योग आसन, पाएंगे आप स्वस्थ तन मन और आत्मविश्वासअपनी दिनचर्या में ये सूक्ष्म क्रियाए अवश्य शामिल करें । शरीर की सन्धियों को स्वस्थ एवं स्नायु-मण्डल को शक्ति, स्फूर्ति एवं आरोग्य प्र
क्या व्यायाम करना और योगासन करना एक ही है? जानिए व्यायाम और योगासन के कुछ प्रमुख अंतरआम तौर पर व्यायाम को योग समझ लिया जाता है । पर सत्य यह है कि व्यायाम योग का ही एक भाग है जबकि योग क्रियाओं का क्षेत
योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करेजैसा की हम सबको विदित है की विभिन्न बीमारियों में योगासन रोगों को ठीक करने या रोगों से होने वाले कष्टों से आराम दिलाने में सहायक होते हैं।लेकि
मर्कटासन : पीठ दर्द से मुक्ति का विशेष आसन जाने इसके और फायदे और विधिसंस्कृत में मर्कट का आशय बंदर होता है और इस आसन को बंदर आसन भी कहा जाता है यह आसन करते समय शरीर का आकार बंदर जैसा कर दियाजाता है इस
तुलासन, संस्कृत भाषा का शब्द है। ये शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द तुला (Tola / Tula) का अर्थ तराजू या Scale से है। दूसरे शब्द आसन का अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, झुकने या बैठने से
उत्तानमंडूकासन : योग क़ी इस उन्नत श्रेणी के जानिये फायदे और योग विधिसंस्कृत में ‘उत्तान’ का अर्थ तना हुआ और ‘मंडूक’ का अर्थ मेढक होता है। उत्तानमंडूकासन की अंतिम मुद्रा में शरीर सीधे तने हुए मेढक के स
अर्ध शलभासन : कमर दर्द का अचूक आसन जानिये इस आसन क़ी ओर खूबियां और योग विधिशलभ एक किट को कहते है और शलभ टिड्डे को भी। इस आसन में शरीर की आकृति कुछ इसी तरह की हो जाती है इसीलिए इसे शलभासन कहते है। शलभा
नाम के रूप में दर्शाया गया है, यह योग मुद्रा आपके शरीर की मूल शक्ति बनाता है और आपकी मांसपेशियों के धीरज को बढ़ाता है। इस मुद्रा का नाम वीरभद्र, एक भयंकर योद्धा, हिंदू भगवान शिव का अवतार के नाम पर रखा
भेकासन को योग विज्ञान में मध्यम कठिनाई वाला योग आसन माना जाता है। इस आसन को करने के लिए शरीर को पीछे की तरफ मोड़ना पड़ता है। इसीलिए इसे बैक बेंड के एडवांस लेवल आसनों में शामिल किया जाता है। भेकासन का
पद हस्तासन (pada hastasana)इसमें कोई शक नहीं है कि किसी भी बीमारी के इलाज से बेहतर है कि उससे बचाव कर लिया जाए। जबकि एहतियात बरतना सबसे अच्छा डिफेंस है, किसी भी बीमारी के लिए अच्छे और प्रभावी ट्
संलग्न चित्रानुसारअच्छी सेहत के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करने से तन-मन स्वस्थ रहता है। अगर आपके पास समय नहीं है तो केवल सर्वांगासन करके भी अपनी सेहत सुधारने के साथ रूप भी निखार सकती हैं। सर्वांगासन
नटराज' शिव के 'तांडव नृत्य' का प्रतीक है। नटराज का यह नृत्य विश्व की पांच महान क्रियाओं का निर्देशक है- सृष्टि, स्थिति, प्रलय, तिरोभाव (अदृश्य, अंतर्हित) और अनुग्रह। शिव की नटराज की मूर्ति में ध
'नटराज' भगवान शंकर का नर्तक रूप को कहा गया है। योग की यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत ही लाभप्रद है। नटराजासनउन लोंगो के लिए भी है जो इसे खड़ा होकर नही कर सकते । जहां तक इस आसन के फायदे क़ी बात है
जैसा कि नाम से ज़ाहिर होता है कि इस आसान में योग करने वाले व्यक्ति को बिच्छू के समान पोज़ में आना पड़ता है। इसे स्कॉर्पिन पोज़ भी कहा जाता है। बेली फैट को घटाने के लिहाज से वृश्चिकासन एक मददगार
इस आसन के नाम मे 4 शब्द है एक +पाद + भुजा+ आसन अर्थात एक पाँव को अपनी भुजा पर रखकर किया जाने वाला आसन। इस आसन में अपनी एक टांग उठाकर एक हाथ की भुजा के ऊपर रख जाता है। अतः इसे ‘एकपाद भुजासन’ या "एक हस्
बेहद एडवांस वाले इस आसन नाम दुर्वासा ऋषि के नाम पर रखा गया है। इसके बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध है। एक मिथक के अनुसार अठारहवीं शताब्दी में लिखी गई हाथभयासपद्धति के इक्यासीवें श्लोक में इसका वर्णन
वक्रासन बैठ कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है।
सिद्धासन नाम से ही ज्ञात होता है कि यह आसन सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है, इसलिए इसे सिद्धासन कहा जाता है। यमों में ब्रह्मचर्य श्रेष्ठ है, नियमों में शौच श्रेष्ठ है वैसे आसनों में सिद्धासन श्रेष
शलभासन : कमर को लचीला बनाने के लिए किए जाने वाला आसन जानिए इसके फायदे और कायदे शलभ का अर्थ टिड्डी (Locust ) होता है। यह आसन अंतिम मुद्रा में शरीर टिड्डी जैसा लगता है, इसलिए इसे इस नाम से जाना जात
आजकल कि दौड़ भाग भारी जिंदगी में सेहत और शांति दोनों जैसे दूर जा चूकि है .पर नियमित योग से खोई हुई शांति और सेहत को पुनः प्राप्त किया जा सकता है इसी क्रम में सूर्य नमस्कार एक अच्छा योग है तो जानते
भद्रासन : जानिए भद्रासन के प्रकार, फायदे और रखी जाने वाली सावधानियांभद्रासन का अर्थ होता है मणियों से जड़ा हुआ राजसिंहासन जिस पर राज्याभिषेक होता है। भद्रासन दो-तीन तरीके से किया जाता है। यहां
धनुरासन योग : जानिये विधि, लाभ और सावधानियाँपेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान धनुरासन योग है जो चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकार जाता
ताड़ासन: जानिए ताडासन करने का तरीका और फायदेव्यस्त जीवनशैली के चलते कई बार हम शरीर पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। परिणामस्वरूप, शरीर का छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं की चपेट में आने का जोखिम बढ़ ज
समस्त योगआसनों (Yogasana) में वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ता करने के उपरांत तुरंत भी किया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए वज्रासन अभ्यास अति लाभदायक होता है। वज्रासन हर उम्र का व्यक्ति सरल
कैसे और कितने समय करें शीर्षासन? फायदे, नुकसान और सावधानियांशीर्षासन को सभी योगआसनो का राजा कहा जाता है। इस हेडस्टैंड योग मुद्रा में, शरीर उलटा रहता है और शरीर के वजन को अग्र भुजाओं पर संतुलित क
भुजंगासन योग : जानिए विधि, लाभ और सावधानियांसंलग्न चित्रानुसार“भुजंग” शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। भुजंग का अर्थ सर्प होता है, इसलिए भुजंग-आसन को “सर्प आसन” भी कहा जाता है। भुजंगासन को अंग्रेजी म
त्रिकोणासन : जानें इस योग को ‘त्रिभुज पोज या मुद्रा’ क्यों कहा जाता हैसंलग्न चित्रत्रिकोणासनफिटनेस के लिए योगा सबसे अच्छा उपाय है। अगर आप योग से अपने दिन को शुरू करते हैं तो इससे अच्छी कोई बात कुछ न
अर्ध चंद्रासन : जानिए योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियांअर्ध का अर्थ आधा और चंद्रासन का मतलब चंद्र के समान किया गया आसन। इस आसन को करते समय शरीर का आकार अर्ध चंद्र के समान हो जाता है, इसलिए इस
योग अभ्यास के कुछ पहलुओं को आपके सामने रखना चाहते हैं जिससे आप सब भी योग अपनाएं और स्वस्थ व सुखी जीवन जीयें।योग शास्त्रों के परम्परानुसार चौरासी लाख आसन हैं और ये सभी जीव जंतुओं के नाम पर आधारित
भाग दो आसन की सिद्धि से नाड़ियों की शुद्धि, आरोग्य की वृद्धि एवं स्फूर्ति प्राप्त होती है। पतंजलि ने अपने रचित योगसूत्र में लिखा है "स्थिरं सुखम आसनम" चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले
प्राणायाम: जानिए कपालभाती’ प्राणायाम के प्रकार सही तरीका, रखी जाने वाली सावधानियां और इसके फायदेहम सभी चिरंजीवी नही हो सकते साथ ही हमारा जीवन 100 साल के लिए कोई चमत्कारी कैप्सूल लेने या विभिन्न उपचारो
नौकासन : पेट की चर्बी को कम करने वाले इस आसन के जानिए और फायदे, योग विधि और सावधानियांइस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका आकार नाव की तरह का होता है। इसको नावासन के नाम से भी पुकारा जाता ह
दण्डासन : जानिए योग को करने की विधि इससे लाभ और सावधानियांदण्डासन एक संस्कृत का शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें पहला शब्द “डंडा” का अर्थ “छड़ी या स्टिक” है और दूसरा शब्द “आसन" का अर्थ “पो
गोमुखासन : जानिए गोमुखासन के लाभ व सावधानियां और जाने योग करने का सही तरीकासंलग्न चित्रानुसार स्वस्थ जीवनयापन के लिए योग और पौष्टिक खान-पान अच्छा तरीका है। अगर आप अपनी दिनचर्या में सुबह या शाम कु
मयूरासन: जानिए योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियांमयूरासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जो की दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमे पहले शब्द “मयूर” का अर्थ “मोर” है और दूसरा शब्द “आसन” का अर्थ “
योगमुद्रासन : जानिए इस आसन के लाभ, आसन करने की विधि व सावधानियांसंलग्न चित्रानुसार योगमुद्रासन के लाभ जानने के पश्चात आप इसे हर रोज करने लगेंगे। इस आसन को करने से आपके पेट के आधे से ज्यादा रोग सम
इम्यून पावर मजबूत करना कोई एक दिन का काम नहीं है। इसके लिए नियमित रूप से हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल की जरूरत होती है।अगर आप वास्तव में अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों की तलाश
सिद्धासन :सर्वश्रेष्ठ ब्रम्हचर्य आसन :जानिए योग के लाभ , करने की विधि और सावधानियांसिद्धासन नाम से ही ज्ञात होता है कि यह आसन सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है, इसलिए इसे सिद्धासन कहा जाता है। यमों
पवनमुक्तासन : गैस कब्ज व पेट पीठ की समस्या का रामबाण , जानिए सब कुछ पवनमुक्त का अर्थ है पवन या हवा को मुक्त करना। इस आसन पेट की वायु निकालने में मदद करता है इसलिए इस आसन का नाम पवनमुक्तासन है।&nb
शशांकासन : पेट पीठ का प्रमुख आसान जानिए इसे करने से लाभ इसकी विधि और सावधानियांसलग्न चित्रानुसारशशांक का अर्थ होता है खरगोश। इस योग मुद्रा में शरीर खरगोश के समान आकृति धारण कर लेता है, इसीलिए इसको शश
व्याघ्रासन : तनाव दूर कर एकाग्रता बढ़ाने में मददगार जानिए योग के और फायदे योग करने की विधि और सावधानियांसंलग्न चित्रानुसारइस आसन को करते समय आपके शरीर की आकृति बाघ के समान दिखती है इसलिए इस आसन का नाम
गोरक्षासन : घुटनो के लिए सही आसन : जानिए इसके लाभ, योग विधि व सावधानियांगोरक्षासन का नाम महान योगी गोरक्षनाथ के नाम पर रखा गया है। योगी गोरक्षनाथ को अक्सर इसी मुद्रा में देखा गया है।गोरक्षासन करने में
मार्जरी आसन : जानिए योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियांसंस्कृत में मार्जरी” शब्द का अर्थ “बिल्ली” होता है और “आसन” का अर्थ “मुद्रा या स्थिति” होता है। मार्जरासन या मार्जरी आसन। आप इसको दोनों मे
अर्द्धमत्स्येन्द्रासन रीढ़ को लचीला बनाने का प्रमुख आसन, जानिए योग के फायदे और कायदेगोरखनाथ के गुरु मच्छेन्द्रनाथ
धनुरासन योग मोटापा कम करने वाले इस योग की जानिये विधि, लाभ और सावधानियाँपेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान धनुरासन योग है जो चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इ
शलभासन : कमर को लचीला बनाने के लिए किए जाने वाला आसन : जानिए इसके फायदे और कायदेशलभ का अर्थ टिड्डी (Locust ) होता है। यह आसन अंतिम मुद्रा में शरीर टिड्डी जैसा लगता है, इसलिए इसे इस नाम से जाना जाता है
नौकासन जानिए योग के फायदे करने की विधि और सावधानियांइस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका आकार नाव की तरह का होता है। इसको नावासन के नाम से भी पुकारा जाता है। नौकासन पीठ के बल लेट कर कि
आकर्ण धनुरासन : कब्ज सहित पेट की बीमारियों और मसल्स मजबूत करने का श्रेष्ठ आसन, जानिए इसकी विधि और लाभसलग्न चित्रानुसारआकर्ण धनुरासन, संस्कृत भाषा का शब्द है। ये शब्द कुल 4 शब्दों से मिलकर बना है। पहला
सर्वांगासन : बालों और त्वचा की खूबसूरती के लिए जानिये इस योग के लाभ एवं विधिसर्वांगासन (Sarvangasana) संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, सभी अंगों का आसन (All Body Parts Pose)। सर्वां
मंडूकासन : तोंद व उदर रोगो को नियंत्रित करने वाला आसन :जानिए इसके और फायदे और विधिसंलग्न चित्रानुसार मंडूकासन दो शब्द से मिलकर बना है। मंडूक जिसका अर्थ होता है मेंढक एवं आसन का मतलब ह
शवासन: प्रत्येक आसन के साथ किया जाने वाला आसन :जानिये इसके और लाभ व योग करने की विधिशव एक संस्कृत शब्द है, शव का अर्थ मुर्दा होता है, जिसे अंग्रेजी में Corpse कहा जाता है। इस आसान में हमें एक मुर्दे क
सेतुबन्धासन : पीठ दर्द से मुक्ति दिलाने वाले इस योग के जाने फायदे और कायदे सेतुबंधासन का नाम दो शब्दों पर रखा गया है: "सेतु" और "बँध"। सेतु का मतलब होता है पुल और बँध का मतलब बाँधना। इस आसन में आ
दण्डासन : posture सुधरने का सर्वश्रेष्ट आसन :जानिए इसके और फायदे और कायदे योग के लाभों से आज पूरी दुनिया परिचित हो चुकी है और हर आसन के अपने लाभ और खूबियां है. दंडासन भी एक ऐसा ही आसन है जिसे का