हस्त पादासन: पेट के रोगो को खत्म करने वाला आसन जानिये इस योग के कायदे और फायदे
हस्तपादासन एक योग है | जो की तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त + पद + आसन इन तीनों का अर्थ होता है हस्त = हाथ , पद = पैर , आसन = मुद्रा | इसको करने से बहुत लाभ होते हैं | इसे अंग्रेजी मैं Forward Bend Pose कहा जाता है | योग की कई क्रियाओं में से एक है हस्तपादन आसन। इस योग आसन से आपको कई फायदे मिलते हैं। त्वचा के दाग धब्बों के अलावा यह आंखों के नीचे पड़ने वाले काले घेरे को भी खत्म करता है।
हस्तपादासन के लाभ
1. पेट की चर्बी को करता है कम :- यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में हमारी मदद करता है ।पेट की चर्बी या शरीर के अन्य भागों की चर्बी, वसा की एक विशेष रूप से हानिकारक प्रकार है जो आपके अंगों के आसपास जमा होती है।
2. ब्लड स्र्कुलेसन में व्रधि होती है :- इस आसन को करने से ब्लड स्र्कुलेसन मैं व्रधि होती है |ब्लड यानी रक्त मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपके पूरे शरीर में न्यूट्रिएंट्स, इलेक्ट्रोलाइट्स, हार्मोन्स, हीट और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम रक्त ही करता है। आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों को स्वस्थ्य रखने और इम्यूनिटी सिस्टम यानि रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का काम भी ब्लड ही करता है। लेकिन आपको पता है ब्लड के सही सर्कुलेशन के लिए आपके ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, ब्लड शुगर, ब्लड टाइप और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण में होना अत्यधिक जरूरी है।
3. मेरूदंड लचीला बनता है :- इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।मानव शरीर रचना में ‘रीढ़ की हड्डी’ या मेरुदंड पीठ की हड्डियों का समूह है जो मस्तिष्क के पिछले भाग से निकलकर गुदा के पास तक जाती है। इसमें ३३ खण्ड होते हैं। मेरुदण्ड के भीतर ही मेरूनाल में मेरूरज्जु सुरक्षित रहता है।
4. कब्ज व् एसिडिटी में फायदेमंद :- इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज व् एसिडिटी से मुक्ति पायी जा सकती है। कब्ज, पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है |
5. पाचन क्रिया में फायदेमंद :- यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|
हस्तपादासन योग के अन्य फायदे:-
1. इसको करने से पीठ की मास्पेसियाँ मैं व्रधि होती है |
2. बड़ी आंत का अन्तिम भाग स्वच्छ रहता है।
3. पेट व प्रजनन अंगों को ठीक करता है।
4. इस आसन के करने से पैर के सभी दर्द दूर होते हैं।
5. चेस्ट और हाथ तो मजबूत होते हैं |
6. शरीर लचीला बनता है।
7. चेहरे सुंदर बनता है |
8. आखों के नीचे के डार्क सर्कलस यानि काले घेरे दूर होते हैं।
9. उदर के अंगों को सक्रिय करता है|
10. शरीर का आलस खत्म होता है |
हस्तपादासन योग की विधि
पहली स्थिति :- सबसे पहले किसी हवादार और खुले स्थान पर चटाई या दरी बिछा लें और उस पर सावधान अवस्था मैं खड़े हो जाएँ | याद रहे दोनों पैर आपस मैं मिले हुए हों |
दूसरी स्थिति :- अब अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ इस प्रकार रखें की शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबर हो |
तीसरी स्थिति :- अब अपने दोनों हाथों को सर के ऊपर लायें बिना मोड़े और धीरे – धीरे सांस लेते रहें |
चौथी स्थिति :- इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए शरीर के कमर से ऊपर के भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं। इस क्रिया में घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें तथा धड़ को तब तक झुकाएं जब तक हाथों से एड़ियों को न पकड़ लें।
पांचवी स्थिति :- अब मुंह को धीरे-धीरे घुटनों की तरफ करके घुटनों के बीच की खाली जगह में रखें या घुटनों से सटाएं। पैर व् घुटने बिलकुल सीधे रखने हैं
छटवी स्थिति :- अभ्यास की शुरूआत में इस स्थिति में 15 सैकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
सातवीं स्थिति :- फिर 5-7 सैकेंड तक आराम करें और दोबारा इस क्रिया को करें। इस क्रिया को 6 से 7 बार करें।
हस्तपादासन योग करने का समय :-
इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय खाली पेट इस आसन का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।| इस आसन को नियमित कम से कम 15-20 बार करे
हस्तपादासन में सावधानिया
1. पीठ दर्द वाले रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए |
2. यह आसन हमेसा खाली पेट ही करना चाहिए |
3. हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी इसको न करें |