उत्तानपादासन : पेट की चर्बी कम करने का आसान आसन ,जानिये इसके कायदे और फायदे
यह 3 शब्दो से मिल कर बना है उत्तान का अर्थ है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव और आसन का अर्थ योग । इस आसन में पीठ के बल लेटकर पांव ऊपर उठाए जाते हैं, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। उत्तानपादासन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करने में अहम भूमिका निभाता है। यह आसन इतना पावरफुल है कि इसके नियमित अभ्यास करने से शरीर में एब्स (abs) बनने लगते हैं। इसको Raised Feet yoga भी कहा जाता है।
*उत्तानपादासन के लाभ*
1 उत्तानपादासन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करता है। इसके नियमित अभ्यास करने से शरीर में एब्स (abs) बनने लगते हैं। यह मोटापा और तोंद का दुश्मन है।
2 कमर मजबूत करने में: पहले पहले यह आपके कमर को परेशान कर सकता है लेकिन कुछ अभ्यास के बाद यह आपके कमर को मजबूत करते हुए कमर दर्द को कम करता है।
3 इससे नाभि केंद्र (नाभिमणिपूरचक्र) संतुलित होता है। नाभि के इलाज एवं नाभि को ठीक करने के लिए यह एक बेहतरीन योगाभ्यास है। अगर नाभि अपने जगह से हट गई हो तो इसके लिए उत्तानपादासन सबसे बेहतरीन योग है।
4 पेट दर्द में लाभकारी: यह पेट दर्द, उदर वायु, अपच और अतिसार में लाभकारी होता है।
5 पेट की पेशियों के लिए: अगर आपको अपने पेट की पेशियों को मजबूत बनाना हो तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें। यह पेट की पेशियों को सबल ही नहीं बनाता बल्कि इसके निर्माण में भी सहायक करता है।
6 घबराहट दूर करने में: इससे घबराहट दूर होती है।
7 पैरों के लिए लाभकारी: इसके नियमित अभ्यास से आप अपने पैरों को मजबूत एवं सबल बना सकते हैं।
8 घुटने के लिए फायदेमंद: यह आसन घुटने के लिए लाभकारी है।
9 कब्ज कम करने में: यह आसन कब्ज को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर सकता है।
10 पाचन के लिए: यह आपके पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है और भोजन को पचाने में मदद करता है।
11 ऊर्जा बढ़ाने में: इसके नियमित अभ्यास से आप अपने शरीर की ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।
12 पेट गैस कम करने में: इसके अभ्यास से पेट गैस को कम किया जा सकता है और साथ ही साथ अपच से भी निजात मिल सकती है।
उत्तानपाद पादासन की विधि
जमीन पर आराम से लेट जाएं और पांव फैला लें। पैरों की बीच दुरी नहीं होनी चाहिए।
हाथ शरीर के निकट रखे रहने दें।
सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं।
धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और इसी मुद्रा में रहें।
लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।
यह चक्र हुआ।
इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
अर्ध उत्तानपादासन
इसमें आप ऊपर बतायी हुई प्रक्रिया का अनुसरण करते हैं।
दोनों पैरों को न उठा कर आप सांस लेते हुए एक पैर को 30 डिग्री पर उठाते हैं, फिर सांस छोड़ते हुए इसको नीचे लेकर आते हैं ।
फिर इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराना हैं।
इसे उनको करनी चाहिए जिनको कमर दर्द बहुत परेशान करता है।
उत्तानपादासन सावधानिया
कमर में दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
पेट सर्जरी होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
साइटिका से पीड़ित होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
गर्भावस्था में इस आसन को बिल्कुल न करें।