गुप्तासन: यौन रोगो में लाभदायक :जानिये इस योग के और फायदे और कायदे
‘गुप्त’ का अर्थ होता है गोपनीय या छिपा हुआ। यह आसन यौन विकारों से संबंधित कई प्रकार की समस्याओं में लाभकारी होता है, इसीलिए इसे गुप्तासन कहते हैं। इस आसन के अभ्यास से विभिन्य प्रकार के सेक्स समस्याएँ का समाधान किया जा सकता है। यह विभिन्य प्रकार के बीमारी जैसे स्वप्नदोष, वीर्यदोष, वीर्य चंचलता, मूत्र-संबंधी बीमारी, गुदा की बीमारियाँ इसके अभ्यास से ठीक हो जाती है|
गुप्ता्सन के लाभ
1 गुप्ता्सन बहुत सारे सेक्स से सम्बंधित समस्याओं को हल करने का एक उम्दा योगाभ्यास है। यह आसन अनैच्छिक र्वीयपात (Involuntary Semen), अत्यधिक् कामोत्तेचजना (Excessive Sexual Arousal ) को नियंत्रित करता है। यह स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योग है। इसका नियमित अभ्यास करके आप अपने सेक्स जीवन में खुश रह सकते हैं।
2 गुप्ता्सन के नियमित अभ्यास से आप मूत्र मार्ग के रोगों का उपचार करने में कामयाब हो सकते हैं।
3 यह आसन आंखो को स्वस्थ रख आंखों की रोशनी को बढ़ाता है और इसकी अनेक बीमारियों की रोकथाम में सहायक है।
4 यह आसान जवानों में स्वप्नदोष विकार को दूर करता है।
5 ब्रह्मचर्य का पालन हेतु गुप्तासन करें। इस आसन के नियमित अभ्यास से कुछ ही दिनों में ब्रह्मचर्य शक्ति विकसित हो जाती है।
6 यह चेहरा और त्वचा पर चमक लाने में कारगर है। अगर आपको अपनी चेहरे की खूबसूरती बढ़ानी हो तो इस आसन का अभ्यास करें।
7 कुंडलिनी शक्ति के जागरण में यह प्रभावी योगाभ्यास है।
8 इस आसन के अभ्यास से शरीर को आंतरिक शक्ति मिलती है।
गुप्ता्सन योग करने की विधि
1समतल जगह पर स्वच्छ आसन बिछाकर उस पर आप जमीन पर इस तरह बैठें कि बाएं पैर की एड़ी गुदा के संपर्क में रहे।
2 उसके बाद आप अपने नितंबों (Buttocks) को उठाकर बायां पैर दाएं पैर के ऊपर इस तरह रखें कि पंजे बाएं पांव की जांघों के नीचे छिपे रहें।
3 बैठते समय हाथ घुटनों के ऊपर होते हुए नीचे रखें।
4 आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
5 धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े।
6 अपने हिसाब से इस आसन को धारण करें फिर वापस सामान्य अवस्था में लौट आए
इस प्रकार आसन का एक चक्र पूर्ण करें
निरंतर अभ्यास और क्षमतानुसार धीरे धीरे इसकी अवधी को बढ़ाते जाएं।
गुप्तासन सावधानिया
घुटनों में दर्द होने पर आसान करने से बचे
पांव य़ा एड़ी में कोई चोट हो तो भी इस आसन का अभ्यास न करें।