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वह भुजाओं के बल से बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ कर अपना हथियार बना लेता है जब चलता है सारी पृथ्वी डोलती है जिस जीवित प्राणी को देखता है उसे उठा कर पशु की तरह मुहँ में डाल लेता है जैसे आखेटक हो लेकिन उसका आखेट कान से बाहर निकल कर बच जाता है| वह अपने में शस्त्रों से सुसज्जित सेना है|

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सभीवह भुजाओं के बल से बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ कर अपना हथियार बना लेता है जब चलता है सारी पृथ्वी डोलती है जिस जीवित प्राणी को देखता है उसे उठा कर पशु की तरह मुहँ में डाल लेता है जैसे आखेटक हो लेकिन उसका आखेट कान से बाहर निकल कर बच जाता है| वह अपने में शस्त्रों से सुसज्जित सेना है|2025 से आपकी उम्मीदेंसामाजिक भावनात्मक शिक्षा2024 की यादें

'जगदम्बा हरि आन, शठ चाहत कल्याण' पार्ट -1 डॉ शोभा भारद्वाज रामलीला के मैदानों मे प्रति वर्ष तीन पुतले जलाए जाते हैं प्रमुख रावण उसके दोनों ओर

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